धार। अब नर्सिंग शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी भी मरीज को दवा लिख सकेंगे। अभी तक नर्सेस को उपचार करने का अधिकार प्राप्त नहीं था। वे केवल डॉक्टर के बाद का सारा कार्य ही करती थी। उन्हें दवाइयां लिखने की अनुमति नहीं थी। लेकिन राज्य सभा में मेडिकल कमिशन बिल पास होने से देश की सभी नर्सेस दवाइयां भी लिख सकेंगी। इस बिल के पास होने से नर्सिंग शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों का रुझान बढ़ेगा और मेडिकल सेक्टर में रोजगार की संभावनाओं इजाफा होगा। मप्र नर्सिंग संगठन के प्रदेश सचिव व आशीष चौहान धार ने बताया नर्सिंग स्टाफ मरीज की नर्सिंग केयर के साथ आवश्यक दवाइयां लिखकर इमरजेंसी केसेस भी हैंडल कर सकते हैं। आकस्मिक दुर्घटनाओं के समय जो जरूरी चिकित्सा की आवश्यकता मरीजों को होती है, वह तत्काल उन्हें प्राप्त होगी। उन्होंने बताया नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का पास होना सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में एक नवाचार है। इस विधेयक से चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत नर्सेस की बढ़ोतरी में होगी। नर्सिंग शिक्षा प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी को ब्रिज कोर्स या नर्सिंग प्रेक्टिशनर कोर्स करवाया जाएगा। सरकार के अनुसार नर्स और फिजियोथेरेपिस्ट एक कोर्स और ट्रेनिंग कर कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर्स बन सकेंगे। उन्हें 25 तरह की अंग्रेजी दवा लिखने का अधिकार मिलेगा। हालांकि, कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर्स की संख्या 3.5 लाख से ज्यादा नहीं होगी। इन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा फर्जी डॉक्टरों को एक साल की सजा होगी। उन पर 5 लाख तक का जुर्माना लगेगा।