चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेशवासियों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार ने करनाल में फार्मा पार्क बनाने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इससे करनाल में न केवल दो हजार करोड़ का निवेश होगा, साथ ही 25 हजार लोगों को नौकरियां भी मिल सकेंगी। अब तक करनाल की पहचान ऑटोमोबाइल हब व बासमती चावल के गढ़ के रूप में रही है। सरकार का करनाल में करीब पचास एकड़ जमीन में फार्मा पार्क स्थापित करने का प्लान है। सरकार ने यह फैसला फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों संग हुई बैठक के बाद लिया। राज्य सरकार ने अब केंद्र सरकार के कैमिकल एवं फर्टीलाइजर मंत्रालय, एसएसएसआईडीसी, उद्योग विभाग, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से करनाल में फार्मा पार्क का निर्माण करेगी। करनाल में फार्मा पार्क के निर्माण के बाद यहां करीब 100 लघु, मध्यम एवं उच्च स्तरीय दवा निर्माता कंपनियां यूनिट लगाने के लिए तैयार हैं। इससे यहां करीब दो हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होगा। जबकि हर साल औसतन दस हजार करोड़ का कारोबार होगा। इतना ही नहीं, करीब 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पहले चरण में सरकार द्वारा करीब पचास एकड़ जमीन में पार्क का निर्माण किया जाएगा।
एक एकड़ जमीन पर बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए करीब पचास लाख रुपए खर्च होंगे। भविष्य में इस पार्क का विस्तार करके इसे सौ एकड़ तक पहुंचाया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा स्टेट फार्मा पॉलिसी के तहत पार्क बनाया जा रहा है। सरकार द्वारा इस पार्क के निर्माण हेतु जमीन चिन्हित किए जाने के बाद भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल, केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्रालय को सूचित किया जाएगा। बाद में केंद्र सरकार द्वारा बल्क ड्रग इंडस्ट्री के संयुक्त सुविधा केंद्र, मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री व कलस्टर विकास कार्यक्रम के लिए वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री हरियाणा के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने बताया कि हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी जिलों को कलस्टर का रूप देकर औद्योगिक विकास परियोजनाएं शुरू की हैं। करनाल में फार्मा पार्क के निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। निर्माण दो चरणों में होगा। फार्मा पार्क बनने से हजारों लोगों के लिए रोजगार के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रास्ते खुलेंगे।