डुंगरपुर। सावधान! अगर आप बाजार में दवा खरीदने जा रहे हैं तो जरा संभल जाएं। दरअसल, राज्यभर में मेडिकल स्टोर पर कई नकली दवाइयां धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। हालांकि, दवाओं की जांच के लिए औषधि नियंत्रण विभाग भी कार्यरत है लेकिन विभाग की नजरों में धूल झोंककर ड्रग रैकेट्स ने बाजार में नामी कंपनियों की नकली दवाएं तक उतार रखी हैं। कई ऐसी दवाएं पकड़ी गई हैं जिनमें साल्ट तय मानकों से या तो बहुत कम था या फिर अधिक था। ऐसी 18 तरह की दवाओं को विभाग ने राज्यभर से फ्रीज करवाया हुआ है। जांच रिपोर्ट में सामने आने के बाद एक तरफ दवाओं को वापस भिजवाया जा रहा है, वहीं नकली दवाओं के निर्माताओं पर पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। नकली और अमानक पाई गई यह दवाएं उल्टी, दस्त, खांसी, एलर्जी, अस्थमा रोग के इलाज के लिए और एंटीबायोटिक श्रेणी की हैं। औषधि नियंत्रक विभाग ने राज्यभर में इन दवाओं के सैंपल लिए, जो जांच में फेल पाए गए हैं। यह दवाएं बिकने के लिए बाजार में पहुंच चुकी थीं। विभाग ने इनके सैंपल लेकर फ्रिज कर दिया था। नकली पाई गई दवाओं को बिक्री के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी गई है और स्टॉक को भी वापस मंगवा लिया है।

हैरानी की बात यह है कि जिस दवा के रैपर पर जिस साल्ट का नाम लिखा था, वह उसमें था ही नहीं। इससे भी बड़ी बात यह कि सिपला जैसी नामी कंपनियों की दवा भी हूबहू कॉपी कर बाजार में बेचने को पहुंच चुकी थी। संदेहास्पद दवा फ्रिज करने के बाद संबंधित कंपनी को दवाओं के सैंपल भेजकर जांच कराई तो पता चला कि जिस दवा कंपनी का नाम दवा के रैपर पर लिखा गया है, उसने यह दवा बनाई ही नहीं। किसी फर्जी कंपनी ने ही इन दवाओं का फर्जी निर्माण कराया और बाजार में भेज दिया। कंपनी के नाम से बाजार में बेची जा रही नकली दवाओं का पता लगते ही कंपनी अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। इन दवाओं के रेपर देखते ही नकली होने का आभास हो रहा था लेकिन लोग इतनी गहराई से दवा के रैपर को नहीं देखते।

जिन 18 दवाओं के नमूने फेल मिले हैं उनमें पेंटाप्राजोल एंड डॉमपेरीडोन टेबलेट, मोंटिलूकास्ट सोडियम एंड लिवोसिट्राजिन हाइड्रोकलोराइड टेबलेट, एंट्रिक कोटेड पेंटाप्राजोल सोडियम एंड डॉमपेरीडोन एसआर कैप्सूल, पेंटाप्राजोल गेस्ट्रो रेजिस्टेंट टेबलेट आईपी, सेफपोडोक्सिन टेबलेट आईपी 200 एमजी, एमोक्सिलीन एंड पोटेशियम क्लेवुलेनेट, केल्सियम सप्लीमेंट विद विटामिन डी 3 टेबलेट, सेफीक्सिम टेबलेट, एजीथ्रोमाइसिन टेबलेट, गलीमेप्राइड एंड मेटफॉरमिन हाइड्रोकलोराइड टेबलेट, टेलमिस्ट्रेन टेबलेट, कैल्शियम कार्बोनेट, डाइक्लोफेंस सोडियम आदि के नाम शामिल हैं। ड्रग कंट्रोलर जयपुर ने जिन 18 दवाओं के नमूनों की रिपोर्ट एडीसी को भेजकर चेतावनी जारी की है, उसमें से 7 दवाओं की एक्सपायर तिथि या तो जुलाई में निकल चुकी है या इसी माह निकल रही है।

इनमें हाईड्रोक्सोटिसोन सोडियम सूकिनेट इंजेक्शन शामिल है जिसकी एक्सपायरी डेट जुलाई 2018 थी। इसका नमूना जांच रिपोर्ट आई तब तक सारा स्टॉक राज्यभर में पहुंच चुका था। इसके अलावा टेलमिस्ट्रन टेबलेट,एजिथ्रोमाइसिन एमीप्राइम 250 एमजी, पेंट्रापराजोल सोडियम इंट्रिक कोटेड दवा की अगस्त 2018 में एक्सपाइरी है। डूंगरपुर की जिला दवा नियंत्रण अधिकारी नेहा बंसल ने बताया कि विभाग से हमारे पास 18 दवाओं के सैंपल फेल और अमानक पाए जाने की रिपोर्ट आई है। इस पर सभी दवा विक्रेताओं को आदेश कर दिए गए हैं। जिन दवाओं के सैंपल फेल है उन्हें नहीं बेचे और उनका स्टॉक पड़ा है तो उसे भी वापस कर दें। हम भी इस तरह का रिकॉर्ड मांग रहे हैं।