धार (मध्यप्रदेश)। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक बिना डिग्रीधारी स्वयंभू डॉक्टर पर कार्रवाई की है। उक्त डॉक्टर के क्लीनिक को सील कर दिया गया है। टीम ने क्लीनिक से कई खतरनाक दवाइयां और इंजेक्शन जब्त किए हैं। बताया गया है कि इन इंजेक्शन को लगाने के बाद किडनी और लीवर धीरे-धीरे खराब होने लगते है। पुलिस ने फर्जी डॉक्टर महेश को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी अनुसार धार में पिछले 25 सालों से महेश माहेश्वरी एक क्लीनिक चला रहा था। उसके क्लीनिक पर छापेमारी हुई तो एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक दवाइयां भी मिली। सीएम एमएचओ डॉ. सरल के अनुसार माहेश्वरी क्लीनिक से हाथों से बनाई हुई दवाइयां भी जब्त की गई, जो एलोपैथी और आयुर्वेदिक दवाइयों के मिश्रण से तैयार की गई हंै। माहेश्वरी क्लीनिक में इलाज कराने वाले लोगों को राहत तो तुरंत मिल जाती थी, लेकिन गलत दवाओं की वजह से इंसान शारीरिक रूप से धीरे-धीरे कमजोर होते गए और समय से पहले उनकी मौत हो गई। यहां पहले भी कई बार कार्रवाई हुई लेकिन कुछ लोगों के साथ सांठगांठ की वजह से यह फर्जी डॉक्टर बचने में कामयाब रहा। छापेमारी के दौरान माहेश्वरी क्लिनिक से लगभग आधा ट्रक दवाइयां जब्त की गई हैं। बताया गया है कि यह डॉक्टर अपने क्लीनिक में आने वाले लोगों से ढाई सौ रुपये फीस लेता था। कुल्हे, घुटने का दर्द और सूजन में इस्तेमाल होने वाले स्टेरॉयड का इंजेक्शन भी यह मरीजों को लगा देता था। इससे किडनी और लीवर फेल होने का खतरा रहता है। कई लोग इसके शिकार भी हुए। इस इंजेक्शन की वजह से लोगों की धीरे-धीरे मौत हो जाती थी। वहीं, डॉक्टर के क्लीनिक से हार्मोंस और गर्भपात की गोलियां भी मिलीं, जिसे केवल एमबीबीएस डॉक्टर खाने की सलाह देते हैं। फिलहाल क्लीनिक को सील कर दिया गया है।