जालंधर – राकेश
पंजाब पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर माछीवाड़ा में नूरपुर रोड पर स्थित नशा मुक्ति केंद्र पर छापामारी कर 32 जवानों को छुड़वाया जिन्हें चहां पर उक्त केंद्र के संचालकों ने बंदी बनाकर रखा हुआ था। 32 व्यक्तियों में से 7 व्यक्ति जख्मी हालत में मिले, जिससे यह साबित होता है कि उक्त केंद्र के संचालक वहां पर दाखिल व्यक्ति यों का इलाज कम ही करते थे इलाज के नाम पर उन पर जुल्म ही करते थे। इसका खुलासा माछीवाड़ा के रहने वाले गुरजीत सिंह ने किया जो नशा छोडऩे की खातिक उक्त केंद्र में भर्ती हुआ था। अन्य व्यक्तियों में कुलविन्द्र सिंह, निवासी छोडा रुडक़ा, परमिन्द्र सिंह निवासी, लुधियाना बलवीर सिंह निवाीसी जालंधर, मेजर सिंह, निवासी तोहड़़ा, हरमीत सिंह, निवासी बुल्लेपुर, मनप्रीत सिंह शामिल हैं।
यदि कोई व्यक्ति केंद्र के नियमों का उल्लंघन करता तो उसे लाठियों द्वारा पीटा जाता था। छापामारी के दौरान पुलिस को उक्त केंद्र में कोई भी तुर्जबेकार डाक्टर नहीं मिला, न ही ऐसा कोई प्रमाण पत्र मिला जिससे यह प्रमाणित हो सके कि उक्त केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नशा मुक्ति केंद्र है। इससे यही साबित होता है कि नशा छुड़ाने की आड़ में उक्त संचालक नशे में लिप्त नौजवानों को ब्लैकमेल भी करते होंगे। इसलिए सरकार को ऐसे अवैध नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। पुलिस ने भी सभी व्यक्तियों का मेडिकल करवा केंद्र के संचालकों के खिलाफ कार्यवाई शुरू कर दी है।