नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में भारी मात्रा में नकली दवाइयां बनाए जाने का मामला सामने आया है। औषधि नियंत्रण विभाग और पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर नकली दवाइयों का रैकेट पकड़ा है। जांच के दौरान करीब 1.4 करोड़ की नकली दवाइयां मिली हैं। यह नकली दवाइयां स्कीन इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल होती हैं। औषधि नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बवाना के कटेवड़ा गांव में अशोक कुमार नामक व्यक्ति ब्रांडेड दवा कंपनी की क्रीम व मरहम का अवैध रूप से निर्माण कर रहा था। शिकायत मिलने पर औषधि नियंत्रण विभाग ने पुलिस के साथ जाकर छापामारी की। मौके पर अवैध रूप से नकली दवाई की फैक्ट्री चल रही थी। आरोपी अशोक कुमार ने औषधियों के निर्माण के लिए कोई भी औषधि विनिर्माण लाइसेंस या इन औषधियों के मूल विनिर्माताओं से संबंधित किसी भी प्रकार का वैध प्राधिकार नहीं लिया हुआ था। यहां प्लैनेटरी मिक्चर, फिलिंग एंड सिलिंग मशीन, बैच कोडिंग मशीन, शिरिंकिंग मशीन स्थापित मिलीं। इसके अलावा पैकिंग के लिए गैस स्टोव, इलेक्ट्रोनिक वेइंग बैलेंस, हीटिंग गनस, खाली सिमटने वाली ट्यूब, कच्चा माल, एवं पैकिंग सामग्री साथ नामी कंपनी के क्रीम व मलहम का विशाल भंडार पाया गया। टीम ने सभी सामान को जब्त कर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। टीम ने जब्त की गई नकली दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए है। जब्त की गई दवाओं की कीमत करीब 1.4 करोड़ रुपये आंकी गई है।