पंचकूला। हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन सोहन लाल कंसल और रजिस्ट्रार अरुण पराशर ने कहा है कि प्रदेश में अवैध डिसपेंसिंग रोकने के लिए सरकार की अनुमति के बाद ड्रग इंस्पेक्टर रखे जाएंगे। वो केमिस्ट की दुकानों पर जाकर चेकिंग करेगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि दुकानों पर फार्मासिस्ट अवश्य नियुक्त हो। सोहन कंसल पंचकूला स्थित काउंसिल के कार्यालय में एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दवा इंसान की जिंदगी बचाने के लिए होती है। अगर छोटी सी लापरवाही से गलत दवा दे दी जाए, तो किसी की जान भी जा सकती है। कांसल ने कहा कि फार्मासिस्टों से जो लोग किराये पर लाइसेंस लेकर दुकानें चला रहे है और फार्मासिस्ट नियुक्त नहीं हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि फार्मेसी इंस्पेक्टर को रखने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है। जैसे ही मंजूरी मिल जाएगी, ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति कर दी जाएगी। कांसल ने बताया कि फार्मेसी के गिरते स्तर को सुधारने के लिए पीसीआई को लिखा गया है। साथ ही कॉलेजों की एफिलिएशन भी चेक की जा रही है। रिन्यूएवल एवं नई रजिस्ट्रेशन पर भी काउंसिल की ओर से तेजी से काम किया जा रहा है। अब तक लगभग 33 हजार फार्मासिस्टों को रजिस्टर्ड किया जा चुका है। कांसल ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल द्वारा अपना एक भवन बनाये जाने की योजना है, जिसमें काउंसिल का कार्यालय एवं हॉस्टल बनाया जाएगा। इसमें पूरे हरियाणा से आने वाले फार्मासिस्टों को रुकने की व्यवस्था की जाएगी। सरकार से यदि जमीन मिल जाए, तो आसानी से भवन निर्माण किया जाएगा।