समस्तीपुर। सदर अस्पताल के 25 डॉक्टरों समेत 79 स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन रोक दिया गया है। आरडीडी के इस आदेश के बाद स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मच गया है। बताया गया है कि आरडीडी ने अपने अधिकारियों के साथ 27 फरवरी को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था।

निरीक्षण के दौरान कई चिकित्सक गैरहाजिर मिले। कई अन्य अनियमितताएं भी पाई गई। आरडीडी ने अस्पताल के अस्पताल अधीक्षक को सभी डॉक्टर और कर्मियों से तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।

ब्लड बैंक में नहीं मिला कोई कर्मचारी

जानकारी अनुसार जब आरडीडी डॉ. योगेंद्र महतो सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो ओपीडी के लगभग सभी विभागों में डॉक्टर मिले। वहां मरीजों को भी देखा गया था। लेकिन जब टीम सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में पहुंची तो वहां कोई भी कर्मी मौजूद नहीं था। मास्टर पंजी का निरीक्षण किया गया तो वहां मरीजों की संख्या पेंसिल से लिखी गई थी। यानी इसे बाद में जोड़ा और बदला जाता।

रजिस्टर में इनकी नहीं मिली हाजिरी

टीम ने उपस्थिति रजिस्टर का निरीक्षण किया तो डॉ. पीडी शर्मा की 21 फरवरी से 27 फरवरी तक हाजिरी नहीं थी। इसी तरह डॉ. आदिति प्रियदशर्नी की 23 फरवरी से 27 तक, डॉ. निर्मल कुमार चौधरी का 23 से 27 फरवरी तक, डॉ. मंजुला भगत 17 से 27 तक, डॉ. फरमुद आलम का 25 से 27, डॉॅ. नवनीता कुमार का 25 से 27, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. राजेश व डॉ. उत्सव कुमार की 27 फरवरी की हाजिरी नहीं बनी थी।

इस तहत कुछ 27 डॉक्टर के अलावा 10 परिचारी, दो जेनरेटर चालक, 4 एलटी, 20 एग्रेड नर्स , 4 जेएनएम, दो एएनएम, एक लेखापाल,नेत्र सहायक,ओटी असिस्टेंट, दो डाटा ऑरेटर, दो डी फर्मा, फिजियोलॉजिस्ट शामिल है। जांच के दौरान पता चला कि इन लोगों को लंबे समय से हाजिरी रजिस्टर में साइन नहीं किया है।

डॉक्टर और कर्मियों से मांगा स्पष्टीकरण

बताया गया कि अधिकतर डॉक्टर अपने-अपने निजी क्लीनिक में समय ज्यादा देते हैं। इस कारण सदर अस्पताल नहीं आ पाते। कुछ डॉक्टर का तो सदर अस्पताल के करीब ही हॉस्पिटल बना हुआ है। वे महीने में एक बार में ही सभी हाजिरी बना लेते हैं।

आरडीडी द्वारा अब वेतन रोके जाने के बाद ऐसे डॉक्टर व कर्मियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार ने बताया कि आरडीडी के निर्देशानुसार सभी डॉक्टर और कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।