अहमदाबाद

गुजरात के आणंद में पुलिस ने किडनी बेचने वाले एक अंतराष्ट्रीय रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत 3 लोगों को अरेस्ट किया है। पुलिस जांच के मुताबिक श्रीलंका में 40-50 लाख रुपए में किडनी बेची गईं लेकिन डोनर को 2.8 से ढाई लाख रु. ही मिले। इस किडनी कांड में मोटी मछलियां भी शामिल पाई जा सकती है। खास बात यह कि रैकेट का सरगना खुद अपनी किडनी बेच चुका है। आणंद पुलिस की ओर से मामले की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) का गठन किया गया था। एसआईटी की अगुवाई करने वाले डीएसपी एमआर गुप्ता के मुताबिक मुख्य आरोपी मुकेश उर्फ मुकुल चौधरी को उसके गांव वडोल से पकड़ा गया है। मुकुल फर्जी तरीके से आयुर्वेदिक डॉक्टर का काम करता था। वह भी अपनी किडनी बेच चुका है। रैकेट में शामिल दूसरे आरोपी की पहचान अहमदाबाद के शेरू पठान के रूप में हुई है। वहीं रैकेट का तीसरा शख्स रफीक वोरा आणंद जिले के पंडोली गांव से अरेस्ट किया गया है। रफीक ने पंडोली गांव के 9 लोगों को पैसों का लालच देकर किडनी बेचने पर मजबूर किया।

50 लाख में बेचते थे किडऩी – पूछताछ में तीनों आरोपियों ने कबूला कि लडक़ों को दिल्ली और अन्य शहर ले जाकर किडनी निकाल ली जाती थी। फिर उन्हें गांव वापस भेज दिया जाता था। इनमें से अधिकतर किडनी श्रीलंका के कोलंबो भेजी गईं। जहां से उन्हें 40 से 50 लाख रुपए में बेचा गया।
डोनर को 12 लाख की जगह दिए 2.8 लाख: किडनी गंवा चुके लडक़ों ने पुलिस को बताया कि उनसे 12 लाख रुपए में सौदा तय किया गया था। लेकिन ऑपरेशन के बाद पहली किश्त बताकर सिर्फ 2 लाख तो किसी को ढाई लाख रुपए ही दिए गए। इसके बाद उन लोगों से संपर्क ही नहीं हो सका, जिनसे सौदा तय हुआ था। पैसों के लिए किडनी बेचने वाले लोगों की संख्या लगभग 80 तक होने की आशंका है।