इसौली /अम्बाला। लम्बे समय से बच्चे आइसक्रीम खाने के बाद बीमार हो रहे थे जिसकी शिकायतें सरकार को लगातार मिल रही थीं। जांच के आदेश भी दिए जाते परन्तु जांच केवल कागजों में हो जाती थी और रिपोर्ट भी उच्च गुणवत्ता की आती थी। जबकि जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नही की जाती थी। दरअसल, गलत तरीके से निर्धारित मापदंडों को दरकिनार कर केमिकल व मैदे से आइसक्रीम बनाने का काम जोरों पर जारी रहता था। अधिकारी की छत्रछाया में ऐसे आरोप प्रशासन को शिकायतकर्ताओं ने लगाए। तब प्रशासन ने फूड सेफ्टी ऑफिसर ने शिकायतकर्ताओं व समाजसेवियों की टीम बना कर मौका मुआयना की वीडियोग्राफी की रिपोर्ट मांगी।
आखिर सच्चाई सामने आ ही गईं कि किस प्रकार दूषित वातावरण में केमिकल व मैदे से विभिन नामों की आइसक्रीम निर्माण की जाती है। मौके पर सैकड़ों मक्खियां बेमौत मरी मिली जिनसे बदबू आ रही थी। फूड सेफ्टी ऑफिसर दिनेश शुक्ला ने प्रशासन द्वारा बनाई टीम के साथ इसौली विधानसभा क्षेत्र के तिरहुत बाजार में तिवारी आइसक्रीम व बल्दीराय तहसील के अरवल बाजार की साईं आइसक्रीम में छापे के दौरान दूषित रॉ मेटीरियल को नष्ट करने से पूर्व रॉ मैटीरियल व बनी आइसक्रीम व केक के सैम्पल लिए। शुक्ला ने बताया कि सैम्पल की रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्यवाही को अमल में लाया जाएगा ।