बस्सी (राजस्थान)। गर्भवती महिलाओं और बच्चों में आयरन की कमी दूर करने के लिए दी जाने वाली गोलियां अब चूहों को भी भाने लगी हैं। हम बात कर रहे हैं स्थानीय सीएचसी की, जहां अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही के चलते लाखों रुपए की आयरन की लाखों रुपए की दवाएं ग्रामीण क्षेत्र में वितरित करने की बजाय कार्यालय में पड़ी रहने से खराब हो रही हंै। काफी समय तक इनकी देखरेख न हो पाने से सीएचसी परिसर स्थित ब्लॉक सीएचएचओ कार्यालय में खुले में पड़ी इन दवाओं में से अधिकांश की पैकिंग और शीशियों को चूहों ने काट लिया है। ऐसे में इनमें से कई शीशियां उपयोग के लायक भी नहीं रह गई। खुले में पड़ी फोलिक एसिड एवं आयरन के ये सीरप ही नहीं बल्कि ओआरएस के पैकेट भी खराब हो रहे हैं। जबकि, गर्मी के मौसम में आंगनवाडिय़ों व अस्पताल से इनके अभाव में मरीजों को लौटाया जाता है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत ये दवाएं मरीजों को वितरण के लिए भेजी गई हैं। ऐसे में इन पर एमआरपी अंकित नहीं है। जबकि बाजार में यही दवा करीबन साठ से सत्तर रुपए में मिलती है। ये दवाएं अप्रैल 2017 में बनाई गई थी। तब ये ब्लॉक सीएमएचओ कार्यालय के स्टाक में पड़ी है। सितम्बर 2018 में ये सारी दवाएं एक्सपायर हो जानी है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन कार्मिकों की लापरवाही से ये दवाएं एक्सपायर होने जा रही हंै, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी? इस बारे में ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि उनका कार्यालय के उस हिस्से में जाना नहीं हो पाया, जहां ये दवाएं रखी गई हैं। वे मामले को खुद जाकर देखेंगे।