रानीखेत। अल्म कुमाऊं में सहकारिता क्षेत्र की सबसे पुरानी को-आपरेटिव ड्रग फैक्ट्री दवा प्रशिक्षण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गई है। बतादें कि ड्रग फैक्ट्री की नेशनल एक्त्रेडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज रुड़की पर निर्भरता खत्म हो गई है। शनिवार को राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने शनिवार को फैक्ट्री में 15 लाख रुपये से तैयार लैब का लोकार्पण किया। प्रबंधक जीएस पंवार ने बताया कि परीक्षण को भेजी गई एक दवा पर करीब 2600 रुपये खर्च आता है। यहां 150 किस्म की दवाएं बनती हैं। लैब से बड़ी बचत होगी। जिसको लेकर अब आयुर्वेदिक दवाओं की जांच अब यहीं हो सकेगी। माइक्रो बायोलाजी लैब के अस्तित्व में आने के बाद नमूने रुड़की भेजने का झंझट नहीं रहेगा। इससे कारखाने को सालाना लगभग चार लाख रुपये की बचत होगी। वहीं बाहर से आने वाले कच्चे माल की जांच भी यहीं होगी।