पानीपत। आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनियों को अब जड़ी-बूटियों से संबंधित जानकारी जैव विविधता बोर्ड को देनी होगी। जड़ी-बूटी कौन सप्लाई कर रहा है और वह इन्हें कहां से लाता है, इनके बारे में बताना होगा।
बोर्ड ने आयुष विभाग से करीब 400 कंपनियों की लिस्ट मंगवा ली है। इसके साथ इंडस्ट्री डिपार्टमेंट से भी ऐसी दवा कंपनियों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। जिस इलाके से जड़ी-बूटी लाई जा रही है, कंपनियों को उन इलाकों के विकास या जड़ी-बूटियों की पैदावार बढ़ाने के लिए अपनी कमाई का एक हिस्सा देना होगा। बोर्ड की ओर से जल्द ही सभी दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर यह जानकारी मंगवाई जाएगी। इसके बाद सभी प्रक्रियाएं पूरी कर जड़ी-बूटी वाले इलाकों के विकास के लिए पैसा दिया जाएगा। कंपनियों को जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करने के लिए बोर्ड से स्वीकृति भी लेनी होगी ताकि यह भी पता रहे कि किस कंपनी ने कौनसी और कितनी मात्रा में इनका इस्तेमाल किया है। अब तक इन कंपनियों के पास आने वाली इन जड़ी-बूटियों का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है। प्रदेश के पंचकूला के मोरनी हिल्स और दक्षिणी हरियाणा के अरावली में कई प्रकार की जड़ी-बूटी है। जहां से इनके विशेषज्ञ कंपनियों को सप्लाई करते हैं। जैव विविधता बोर्ड के चेयरमैन गुलशन आहूजा ने बताया कि प्रदेश में अनेक प्रकार की जड़ी-बूटी हैं, लेकिन उनका आम लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा। इसलिए बोर्ड ने निर्णय लिया है कि कंपनियों से इनकी जानकारी लेकर उनसे कमाई का एक हिस्सा लिया जाए ताकि जड़ी-बूटियों की पैदावार बढ़ाने के साथ संबंधित इलाकों का विकास भी कराया जा सके।