यमुनानगर। सरकार की ओर से शुरू की गई आयुष्मान योजना से जहां मरीजों की इलाज की चिंता हटी है, वहीं सिविल अस्पताल भी इस योजना से मालामाल हो गए हैं। गौरतलब है कि आयुष्मान योजना 23 अगस्त 2018 से शुरू की गई थी। इसके तहत जिले में 94 हजार 265 परिवारों को पात्रता की सूची में शामिल किया गया। इन सभी परिवारों के साढ़े चार लाख गोल्डन कार्ड बनने थे। जिसके जरिए इन्हें निजी व सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलनी है।

हालांकि अभी तक सभी पात्रों के कार्ड नहीं बन सके हैं। दरअसल वर्ष 2011 की आर्थिक जनगणना के आधार पर सर्वे कर आयुष्मान येाजना के पात्रों का चयन किया। योजना को शुरू होने में कई साल लग गए। ऐसे में जिन लोगों का चयन किया गया था। उनमें से कुछ के मोबाइल नंबर बदल गए, तो कुछ ने अपना पता बदल लिया। अब इन पात्रों का पता नहीं लग रहा है। लोग भी योजना में नाम शामिल होने को लेकर पशोपेश में हैं। इसके लिए सभी अटल सेवा केंद्रों, सरकारी अस्पताल में बने हेल्प डेस्क पर पात्रता के बारे में पता किया जा सकता है।

यहां पर राशन कार्ड नंबर दिखाना होगा। इसके अलावा 14555 नंबर भी कॉल कर राशन कार्ड संख्या बताकर भी पता किया जा सकता है। तो वहीं दूसरी तरफ यमुनानगर व जगाधरी सिविल अस्पताल की बात करें, तो दोनों में अब तक आयुष्मान योजना के तहत करीब तीन हजार मरीजों का निशुल्क इलाज हो चुका है। जिसके बदले में सरकार की ओर से करीब दो करोड़ रुपये दोनों अस्पतालों को बतौर फीस मिल चुकी है। अब इस पैसे से सिविल अस्पतालों में सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा।

योजना के तहत पांच लाख रुपये तक में 1330 बीमारियों का इलाज कराया जा सकता है। सिविल अस्पताल यमुनानगर व जगाधरी पर मरीजों का भरोसा है, लेकिन देहात के अस्पतालों में सुविधाएं न होने की वजह से आयुष्मान योजना के पात्र मरीज निजी अस्पतालों का रूख कर रहे हैं। यही वजह है कि निजी अस्पतालों में 12116 मरीजों का इलाज हो चुका है। जिनको करीब साढ़े 11 करोड़ का क्लेम मिल चुका है। जिले में भी 19 अस्पताल आयुष्मान योजना के पैनल पर हैं।