झज्जर (हरियाणा)। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान का श्रीगणेश करने वाली हरियाणा की पावन धरती पर मानवता उस समय शर्मसार हो गई, जब एक पिता को अपनी डेढ़ साल की बेटी का शव मोपेड पर ले जाने को मजबूर होना पड़ा। एक व्यक्ति की डेढ़ साल की मासूम बेटी की पानी में डूबने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद जब बच्ची के शव को ले जाने के लिए बार-बार विभाग के एंबुलेंस केंद्र में संपर्क करने के बाद भी उसे एंबुलेंस नहीं मिली तो रोते हुए बच्ची के शव को गोद में उठाकर खुद ही मोपेड पर घर के लिए रवाना हुआ।
जानकारी अनुसार उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के अजनियां गांव निवासी अमीचंद का कहना है कि वह पिछले करीब तीन साल से अपने परिवार के साथ धौड़ और खेड़ी खुम्मार रोड पर अमरूद के बाग को ठेके पर लेता है। बीते दिवस उसकी डेढ़ वर्ष की मासूम बेटी अंजलि पानी में डूब गई और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मौका मुआयना करने के बाद आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मृतका के परिजनों को सौंप दिया गया। झज्जर के एसएमओ डा. संजय सचदेवा का इस बारे में कहना है कि मृतक के पोस्टमार्टम के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शव को घर तक लेकर जाने के लिए निशुल्क एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई जाती है।