देश और दुनिया में कोरोना ने अपने पैर पसार लिए है। अभी तक तो इंसानो में कोरोना होने का दर था लेकिन अब तो नया खतरा इंसानों से जानवरों को है। दरअसल रिसर्च करने वाली बेल्जियम की एंट्वर्प यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, जानवरों में भी कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा खासकर पालतू जानवरों को है। बतादे कि बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने 28 जानवरों की लिस्ट जारी की है। इनमें इंसानों से कोरोनावायरस पहुंच सकता है। सूची में कुत्ता, बिल्ली, भेड़, चीता और खरगोश समेत कई जानवर शामिल हैं। क्योंकि ये इंसानों से सीधे संपर्क में रहते हैं। रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि अगर जानवरों में कोरोना का संक्रमण होता है तो इनमें वायरस लम्बे समय तक टिका रह सकता है और भविष्य में दोबारा महामारी आ सकती है।
तो वहीं दूसरी तरफ डॉ. सोफी ग्रेसील्स कहती हैं, कुछ जानवर ऐसे हैं जिनमें कोरोना आसानी से पहुंच सकता है। इन्हें तीन कैटेगरी में बांटा गया है। पहली कैटेगरी जूलॉजिकल है, इनमें वो जानवर हैं, जो जंगलों में पाए जाते हैं। दूसरी कैटेगरी डोमेस्टिक में पालतू जानवर हैं। वहीं, तीसरी कैटेगरी में वो जानवर हैं, जिनका इस्तेमाल खेती-किसानी में किया जाता है। रिसर्चर डॉ. सोफी ग्रेसील्स कहती हैं, कोरोना के संक्रमण को इंसानों में रोकना मुश्किल हो रहा है, सोचिए अगर यह जानवरों में फैला तो क्या होगा। ये न तो मास्क लगा सकते हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग को समझते हैं।
इंसानों से फैलने वाले कोरोना को इनमें पहुंचने से रोकना जरूरी है। डॉ. ग्रेसील्स कहती हैं, इंसान अगर जंगल में किसी तरह की एक्टिविटी के लिए जाते हैं तो उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने के साथ मास्क लगाना जरूरी है। मैमल रिव्यू जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, सिर्फ जंगली ही नहीं, पालतू जानवरों को भी सुरक्षित रखने के लिए इंसानों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग बरतने की जरूरत है।
गौरतलब है कि डॉ. ग्रेसील्स और रिसर्च टीम ने चेतावनी दी है कि जंगली जानवरों में कोरोना खास तरह के लोगों से अंजाने में फैल सकता है। इनमें पशु संरक्षणकर्ता, फॉरेस्ट्री वर्कर, पेस्ट कंट्रोल स्टाफ और वाइल्ड लाइफ टूरिस्ट शामिल हैं। इसके अलावा वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन सेंटर में काम करने वाला स्टाफ और पर्यावरणविदों से भी संक्रमण फैलने का खतरा है। इन्हें सतर्क रहने की जरूरत है।