करोना काल में अस्पतालों की लापरवाही और उनके खिलाफ एक्शन लेने के लिए पेंडामिक पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी का गठन किया गया था। आम जनता की जो भी शिकायतें आती थी यह कमेटी उसकी जांच करती थी और फिर दोषी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाती थी।
बीते 19 नवंबर को इस कमेटी ने ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल के 5 डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज करवाया है। यह मामला थाना फेस-2 में दर्ज करवाया गया है। कोरोना काल में इलाज में लापरवाही बरतने वाले 5 डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज हुई है।
एफआईआर स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ ने कराई है। डाक्टरों पर आरोप है कि कोरोना संक्रमण के दौरान मरीज को निर्धारित समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं दिया गया। इस कारण मरीज की मौत हो गई। सभी डाक्टर यर्थाथ अस्पताल के है इसमें डॉ हेमंत, डॉ दानिश, डॉ इमरान, डॉ संजय और डॉ मयंक सक्सेना हैं।
दरअसल प्रदीप कुमार शर्मा गाजियाबाद में रहते है। कोरोना काल में उनके बेटे दिपांशु शर्मा की तबीयत खराब हो गई थी। इस दौरान उनको इलाज के लिए यर्थाथ अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां डाक्टरों की लापरवाही से दिपांशु की मौत हो गई। जिसके बाद प्रदीप कुमार ने पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी में अर्जी दी। यहां से नोएडा के सीएमओ को मामले के जांच आदेश दिए।
मामले में गठित जांच समिति जिसमें डिप्टी सीएमओ डॉ टीकम सिंह, फिजिशियन डॉ हरि मोहन गर्ग को जांच अधिकारी नामित किया गया। दोनों जांच अधिकारियों की ओर से संयुक्त रूप से 18 अक्टूबर 2022 को रिपोर्ट जमा की गई थी। जिसमें कहा गया कि डाक्टरों की ओर से मरीज को समय से रेमडेसिवर इंजेक्शन नहीं दिया गया।