रोहतक: मच्छरों से मुक्ति पाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली कॉइल का धुआं उतना ही खतरनाक है जितना तंबाकूयुक्त बीड़ी और सिगरेट का होता है। यह कॉइलआपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। मलेशिया में हुए एक अध्ययन में कॉइल के धुएं से शरीर में घातक नुकसान का पुख्ता दावा किया गया है। कॉइल का धुआं लगातार फेफड़ों में जाने से अस्थमा की शिकायत, सीओपीडी (फेफड़ों संबंधी रोग), आंखों में मोतियाबिंद और कान, नाक, गले संबंधित रोग हो सकते हैं। यदि कमरा छोटा हो और हवा निकलने की व्यवस्था उचित न हो तो ऑक्सीजन की कमी और कार्बन मोनो ऑक्साइड की अधिकता के कारण दम घुटने से जान का खतरा भी हो सकता है।
शोध के मुताबिक, धुएं से सबसे ज्यादा नुकसान गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को होता है। कॉइल जलाते समय खिडक़ी-दरवाजे खोल दें या इसे जलाकर कमरे को बंद कर बाहर चले जाएं और आधे घंटे बाद खिडक़ी-दरवाजे खोलकर पंखा चला दें ताकि धुएं का जहरीला प्रभाव हवा हो जाए।