लखीमपुर खीरी। हिमाचल के सिरमौर में बनी एंटीबायोटिक दवा सिपेक्स-ओ का सैंपल जांच में नकली मिला है। टेबलेट में सॉल्ट के बजाए खडिय़ा मिली। ड्रग इंस्पेक्टर सुनील रावत ने शहर के विक्रेता/डीलर और हिमाचल प्रदेश की दवा निर्माता कंपनी को नोटिस देकर इस टेबलेट के स्टॉक की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है और एक सप्ताह में जवाब भी मांगा है। साथ ही धड़ल्ले से बेची जा रही इस नकली दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर करने के लिए आयुक्त से अनुमति मांगी है। गौरतलब है कि ड्रग इंस्पेक्टर ने नौ जून 2020 को मोहल्ला अर्जुनपुरवा सेठघाट रोड पर स्थित मेसर्स एसके फार्मा से एंटीबायोटिक टेबलेट ब्रांड नाम ए एपेक्स-ओ का नमूना भरा था। इस दवाई में सेफिक्जिम और ऑफ्लाक्जेसिन सॉल्ट रहता है, लेकिन जांच में इन दोनों सॉल्ट की मात्रा एक प्रतिशत भी नहीं मिली है। जांच प्रयोगशाला के राजकीय एनालिस्ट विनय कुमार ने टेबलेट को स्पूरियस (नकली) करार दिया है और दोनों ही सॉल्ट को निगेटिव बताया है। 0.7030 ग्राम की टेबलेट में सिर्फ खडिय़ा मिली है। मेडिकल स्टोर पर इस टेबलेट की कीमत करीब 200 रुपये प्रति पत्ता (10 गोलियां) है, जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों के साथ कितना बड़ा धोखा हो रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि दवा विक्रेता एसके फार्मा और दवा निर्माता कंपनी हिमाचल प्रदेश के सिरमौर स्थित मेसर्स एपेक्स फार्मूलेशसं नया गांव को नोटिस जारी कर इस दवा के स्टॉक को रोक दिया गया है और इस दवा की बिक्री सभी मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित की गई है। इसके लिए डीलर को सभी मेडिकल स्टोर से इस टेबलेट को वापस लेने के निर्देश दिए हैं।