नई दिल्ली। कोरोना वायरस को हराने के लिए नई -नई दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। अब इसी कड़ी में ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि एक नई एंटीबॉडी दवा रोनाप्रेव अगले हफ्ते पूरे ब्रिटेन में कोरोनावायरस मरीजों के लिए उपलब्ध होगी। दवा का इस्तेमाल तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलाज के लिए किया गया। ट्रंप ने इसे कोविड-19 के इलाज के रूप में देखा था। ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि रोश और रेजेनरॉन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित दवा को शुरू में वायरस के प्रति कमजोर एंटीबॉडी रिस्पांस वाले लोगों को दिया जाएगा।
रोश में कोविड-19 लीड पॉल मैकमैनस ने कहा, ये कोविड-19 पर काबू पाने की हमारी यात्रा का एक और कदम है। हम ऐसे कई विकल्पों की पहचान और जांच करने के लिए भागीदारों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे, जो मरीजों के अलग-अलग समूहों की मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, रेजनरॉन के साथ मिलकर हम वैक्सीन टास्कफोर्स और एनएचएस इंग्लैंड के सहयोग के लिए आभारी हैं, जो पूरे ब्रिटेन में कोविड-19 इलाज और रोकथाम के लिए इस महत्वपूर्ण एंटीबॉडी दवा को लाने में मदद कर रहा है। रोनाप्रेव को इंजेक्शन या इन्फ्यूजन के जरिए मरीजों को दिया जाता है।
साजिद जाविद ने बताया कि रोनाप्रेव द्वारा इलाज करने से पहले मरीजों का एंटीबॉडी टेस्ट किया जाएगा। इसके बाद एंटीबॉडी रिस्पांस में कमी दिखाने वाले लोगों को ये दवा दी जाएगी। रोनाप्रेव को ब्रिटेन में मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) द्वारा अगस्त में इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी दी गई थी। आगामी वैक्सीनेशन की सराहना करते हुए दवा तैयार करने वाली कंपनियों में से एक ने ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ अपनी साझेदारी को जारी रखने की आशा व्यक्त की। गौरतलब है कि कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित होने वाले मुल्कों में ब्रिटेन भी शामिल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने रोनाप्रेव लॉन्च की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा, हमने ब्रिटेन भर के अस्पतालों में सबसे कमजोर मरीजों के लिए एक नया इलाज हासिल किया है और मैं खुश हूं कि यह अगले हफ्ते की शुरुआत से लोगों की जान बचाने में जुट जाएगा। इसका इस्तेमाल SARS CoV-2 के एंटीबॉडी के बिना वाले मरीजों के इलाज के लिए किया जाएगा, जो या तो 50 साल और उससे अधिक उम्र के हैं। इसके अलावा, इस दवा को 12 से 49 साल की आयु के उन लोगों को भी दिया जा सकता है, जिन्हें लेकर माना जा रहा है कि उनकी इम्युनिटी कमजोर है।