नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सोमवार को एंटीवायरल दवा रेमडेसिवीर की कथित कालाबाजारी के सिलसिले में एक दवा दुकानदार और उसके कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान दिल्ली के विवेक विहार निवासी बसंत गोयल (41) और उसके कर्मचारी उत्तरी छज्जूपुर के निवासी रामऔतार शर्मा (27) के रूप में हुई है।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली में रेमडेसिवीर की कालाबाजारी के सिलसिले में मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा, ‘‘इस मामले में दुर्गापुरी एक्सटेंशन लोनी रोड पर स्थित ‘‘गोयल मेडिकोज’’ के मालिक बसंत गोयल को उसके कर्मचारी रामऔतार शर्मा के साथ गिरफ्तार किया गया है।
रेमडीसिविर एक एंटी-वायरल दवा है जो शरीर के अंदर वायरस को फैलने से रोकता है। इस दवा को साल 2009 में विकसित किया गया था। हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए कैलिफोर्निया के गिलीड साइंसेज ने इस दवा को बनाया था। लेकिन, यह इस हेपेटाइटिस सी पर कभी भी कारगर नहीं हो पाया। दवा बनने के बाद लगातार इसपर रिसर्च चलता रहा। बाद में इसका इस्तेमाल इबोला वायरस के इलाज के लिए शुरू कर दिया गया।
देश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिला है। क्रिटिकल मरीजों के लिए रेमडेसिविर की मांग बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है। पिछले साल के अंत में इस कोरोना के नए मामलों में कमी आऩे के बाद रेमडीसिविर दवा का उत्पादन कम कर दिया गया था। यही नहीं पिछले 6 महीनों में भारत ने करीब 10 लाख से ज्यादा इंजेक्शन कई अन्य देशों को निर्यात कर दिया था। वहीं इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी की समस्या ने इस कमी को और गंभीर बना दिया है।