रायपुर। एम्स में भर्ती मरीज को एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने के मामले में प्रबंधन ने बड़ा एक्शन लिया है। मामले की जांच के लिए जहां एक कमेटी गठित कर दी गई है, वहीं दो फार्मासिस्टों को बर्खास्त कर दिया गया है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। प्रथम दृष्टिया इस पूरे मामले में स्टोर में ड्यूटी पर मौजूद फार्मासिस्टों की घोर लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद दोनों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। मेडिकल स्टोर की तरफ से प्रारंभिक रिपोर्ट में गलती स्वीकार की गई है। साथ ही इसके लिए दो फार्मासिस्ट किरण और चितरंजन को जिम्मेदार माना गया है। इन्होंने दवा का एक्सपायरी डेट चेक किये बगैर ही दवा मरीज को दिया था। आरोप है कि 24 अप्रैल को एम्स में भर्ती कराये गये पाटन के ओदरागहन गांव के प्रकाश चंद्रवंशी की उस वक्त तबीयत ज्यादा खराब हो गयी, जब उन्हें एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा दिया गया। ये इजेक्शन अस्पताल में मौजूद अमृत फार्मेसी से खरीदा गया था। इस मामले में तीन डाक्टरों की एक कमेटी बनाई गई है। असिस्टेंट प्रोफेसर फॉर्मेकोलॉजी डॉ. आलोक सिंह, डॉ. रंगनाथन और डॉ. एच दास कमेटी में है। सात दिन में रिपोर्ट तलब कार्रवाई की बात एम्स प्रबंधन की तरफ से की जा रही है।