शंभुगंज (बांका, बिहार)। एक्सपायरी दवा पिलाने से आधा दर्जन बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो गया। बच्चों की हालत बिगड़ते देख उनके परिजनों ने उन्हें आसपास के अस्पतालों में दाखिल करवाया। सीएचसी प्रबंधन की लापरवाही से परिजनों और ग्रामीणों में काफी रोष है।

छोटे बच्चों को बूस्टर डोज

गौरतलब है कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा छोटे बच्चों को बूस्टर डोज लगाई जा रही हैं। इस क्रम में रामचुआ आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 129 पर एएनएम नीतू भारती, वैक्सीनेटर सहित अन्य कर्मी बच्चों को बूस्टर डोज (खसरा रोधी) लगाने के साथ पीसीएम (पारासिटा मोल) ड्रॉप सहित अन्य दवा भी पिलाने का काम किया।

गहरी नींद सोए बच्चे तो घबरा गए परिजन

दवाई पिलाए जाने के बाद सभी आधा दर्जन बच्चे गहरी नींद सो गए। जब सात-आठ घंटे बीत जाने के बाद भी बच्चों में कुछ हलचल नहीं हुई तो उनके परिजन घबरा गए। शोर की आवाज सुन अन्य लोग भी मौके पर पहुंचे। जब पीसीएम ड्रॉप पर नजर पड़ी तो पता चला कि यह दवा दिसंबर 2023 में ही एक्सपायर हो चुकी थी।

दोषी पर कार्रवाई करने की मांग

एक्सपायरी दवा पिलाए जाने की बात से बच्चों के परिजन घबरा गए। कोई अपने बच्चों को लेकर तारापुर तो कोई भागलपुर पहुंचा। ग्रामीणों ने इस लापरवाही के लिए अस्पताल प्रभारी और स्वास्थ्य प्रबंधक से शिकायत की। ग्रामीणों ने अस्पताल की लापरवाही की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने की बात कही।

जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला

इस संबंध में एएनएम नीतू भारती ने बताया कि उक्त केंद्र पर बूस्टर डोज देने का काम सरलतापूर्वक किया गया। पीसीएम ड्रॉप वैक्सीनेटर द्वारा दिया गया है। दवा एक्सपायर है या नहीं, यह वैक्सीनेटर बता सकते हैं। वहीं, अस्पताल प्रबंधक यशराज और अस्पताल प्रभारी डॉ. अजय शर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया।