मुजफ्फरपुर। सिविल सर्जन ने एक्सपायर दवा सप्लाई के मामले की जांच 5 माह से लटकाने पर दो ड्रग इंस्पेक्टरों को जांच से मुक्त करने की चेतावनी दी है। इस पर ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि और धनंजय कुमार ने सिविल सर्जन को पत्र भेज कर जवाब दिया है कि दवाओं की खरीद का बिल मिल जाए तो 24 घंटे में जांच रिपोर्ट दे देंगे। उन्होंने औराई पीएचसी की जांच में पाए 126 किस्म की दवाओं की सूची भी सिविल सर्जन को भेजी है। इस तरह बीते पांच माह से दोनों ओर से सात बार पत्र लिखकर पूरे मामले को लटकाया गया है। विभाग ने एक्सपायर दवाओं की खरीद की थी या इसे पीएचसी में ही डम्प कराकर एक्सपायर कराया गया। इससे पर्दा अब तक नहीं उठ सका है। ड्रग इंस्पेक्टर ने 126 किस्म की दवाओं का बैच नंबर व निर्माण तिथि भेजकर दोनों ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि इसका बिल मिलने पर स्पष्ट होगा कि खरीदी कब की गई थी।
बता दें कि आंदोलनकारियों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने दवा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए एक्सपायर दवाओं की खरीद की थी। ग्रामीण औराई पीएचसी में तालाबंदी करके बैठ गए थे। इस दौरान पीएचसी पहुंचे चिकित्सकों और स्वास्थ्य अधिकारियों से ग्रामीणों की झड़प भी हुई थी। दोनों पक्षों की ओर से केस मुकदमा किया गया था। तब पूरे मामले की विभागीय जांच कराने के लिए दोनों ड्रग इंस्पेक्टर को जिम्मेवारी सौंपी गई थी। पांच माह से जांच लटकी हुई है। इस पर आपत्ति दर्ज कराए जाने पर सिविल सर्जन ने दोनों जांच अधिकारी को जांच से मुक्त करने की चेतावनी जारी की है। ड्रग इंस्पेक्टर ने सिविल सर्जन को यह भी जवाब दिया है कि उनके कार्यालय में ना कोई आदेशपाल है, ना कोई डाटा ऑपरेटर और ना ही कोई सहायक ही है।