लखनऊ। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बॉटनिकल रिसर्च (एनबीआरआई) ने ऐसी हर्बल दवा बनाई है, जो किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट की पथरी का साइज घटाकर उसे नष्ट कर देगी। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एसके बारिक ने बताया कि आम तौर पर ऐलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं में 18-20 तरह के फॉम्र्युलेशन होते हैं, लेकिन यह हर्बल दवा पांच सुलभ औषधियों से मिलाकर बनाई गई है। इस कारण इसकी कीमत एक रुपये प्रति गोली होगी। एनबीआरआई के फार्माकोग्नॉसी विभाग के प्रिंसिपल साइंटिस्ट शरद श्रीवास्तव ने बताया कि आमतौर पर छोटे आकार की पथरी खुद मूत्र मार्ग से निकल जाती है, लेकिन 6 एमएम या इससे बड़ी साइज की पथरी के लिए सर्जरी करनी पड़ती है। दवा को दिन में दो बार लेने पर पथरी का साइज घटाने में तकरीबन दस दिन का समय लगेगा। क्षतिग्रस्त टिश्यू को भी दुरुस्त करेगी
फार्माकोग्नॉसी विभाग की डॉ. अंकिता मिश्रा ने बताया कि अक्सर पथरी किडनी या यूरिनरी ट्रैक्ट की सेल से चिपक जाती है। इससे घाव पैदा करती है। उन्होंने बताया कि यह दवा पथरी को इस आकार में बदल देगी ताकि यह शरीर की अंदरूनी लाइनिंग से न चिपके। यह दवा पथरी निकालने के लिए हुई सर्जरी से क्षतिग्रस्त कॉर्टियल टिश्यू को भी दुरुस्त करती है। जो महिलाएं यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) की समस्या से पीडि़त हैं, वे भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगी। दवा की सेफ्टी और टॉक्सीसिटी की जांच आईआईटीआर से डॉ. विकास और डॉ. हफीस ने की है। एनबीआरआई के फार्माकोग्नॉसी विभाग के प्रिंसिपल साइंटिस्ट शरद श्रीवास्तव ने बताया कि इस दवा के ह्यूमन ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलने के बाद केजीएमयू के यूरॉलजी विभाग के डॉ. एसएस शंखवार और डॉ. सलिल टंडन इसका ह्यूमन ट्रायल करेंगे।