बिलासपुर । रायपुर स्थित सरकारी लैब में दवा जांचने और रिपोर्ट तैयार करने के नाम पर बड़ी धांधली उजागर हुई है। बता दें कि बिलासपुर में लक्ष्मी मेडिकल स्टोर से पुलिस ने बायारेक्स सीरप और नाइट्रोसन टेबलेट के सैंपल लेकर जांच कराई तो रिपोर्ट में ये दवा अमानक मिली थी, लेकिन ड्रग विभाग ने जब इसी दवा के सेम बैच को उसी सरकारी लैब में जांच के लिए भेजा तो वह पास हो गई। एक ही दवा की दो रिपोर्ट के चलते सरकारी लैब में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हो रही है। ड्रग विभाग ने इसकी जानकारी कंट्रोलर को भेजी है।
इससे पहले सिटी कोतवाली पुलिस ने यहां नशीली दवाओं के संदेह पर यह दोनों दवाइयां जब्त कर मेडिकल संचालक के खिलाफ एनडीपीएस की धाराओं के तहत कार्रवाई की। गौरतलब है कि कुछ लोग यहां पुलिस और ड्रग विभाग से लगातार शिकायत कर रहे थे। उनके मुताबिक प्रतिबंध के बाद यहां से हर दिन नशेडिय़ों को दवाएं उपलब्ध कराई जा रही थी। इसके चलते ही पुलिस ने यहां दबिश देकर सीरप और टेबलेट उठाए थे। ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रकला की जांच में सामने आया है कि मेडिकल कॉम्पेक्स स्थित संजय लाइफ साइंस के यहां गुजरात से कोडिन की सप्लाई हो रही थी। ड्रग इंस्पेक्टर ने कोटा स्थित एक ढाबे के पीछे कोडिन की दर्जनों बॉटल जब्त की थी। इसी के बैच पर गुजरात कंपनी का पता चला। ड्रग विभाग ने जब पत्राचार किया तब सामने आया कि उन्होंने संजय लाइफ साइंस के यहां बड़े पैमाने पर इसे भेजा है। विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालक को नोटिस जारी कर इसकी पूछताछ शुरू कर दी है। कोतवाली पुलिस ने इन दवाओं को जांच के लिए सरकारी लैब भेजा, जहां से इसकी रिपोर्ट अमानक मिली। इसकी एक कॉपी ड्रग विभाग को उपलब्ध कराई गई थी। ड्रग विभाग की रिपोर्ट में यह दवाएं पाई हो गईं। एक ही दवा की दो अलग-अलग रिपोर्ट को देखकर खुद अफसरों के होश उड़ गए। ड्रग विभाग ने रायपुर के ड्रग कंट्रोलर को इसकी जानकारी भेज दी है।