उत्तराखंड के नैनिताल में सुशीला तिवारी अस्पताल में एमआरआई मशीन एक सप्ताह में दूसरी बार खराब हो गई है। अब मरीजों को एमआरआई के लिए निजी पैथोलॉजी में कई गुना अधिक खर्च करना होगा।

एसटीएच की एमआरआइ मशीन को 15 वर्ष से अधिक का समय हो गया है। जबकि सामान्य रूप से एक मशीन की लाइफ 10 वर्ष तक होती है।

आयुष्मान कार्ड धारक गरीब मरीज की नि: शुल्क जांच हो जाती। उसे निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में पांच हजार रुपये से अधिक खर्च करने पड़े। पिछले पांच वर्ष से नई मशीन खरीदने की चर्चा हो रही है। प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक नई मशीन नहीं लग सकी है।

आपको बता दें कि 24 नवंबर को मशीन खराब हो गई थी। दो दिन मशीन को जैसे-तैसे ठीक किया जा सका। फिर उसके बाद भी मशीन दोबारा खराब हो गई।

इस मामले में बात करने पर राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि मशीन पुरानी होने की वजह से जल्दी खराब हो रही है। इसे जल्द ठीक कराने के लिए इंजीनियर बुला लिए गए हैं। नई मशीन के लिए भी प्रक्रिया चल रही है।