फतेहाबाद। लघु सचिवालय के सभागार में उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ की अध्यक्षता में जिले में 22 फरवरी से 28 फरवरी तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के तहत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों की समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत जिला में एक से 19 साल तक के 3,13,454 बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। तो वहीं बैठक में सिविल सर्जन डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि पेट के कीड़े मारने की दवाई खाने से अगर किसी बच्चे को कोई परेशानी होती है तो वे तुरंत 108 नम्बर पर फोन कर सिविल सर्जन कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एल्बेंडाजॉल टेबलेट खाने से वैसे तो कोई नुकसान नहीं है पर फिर भी अगर किसी बच्चे में डर है या उसे खाने से कोई दिक्कत लगती है तो वे हेल्पलाइन नम्बर पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कीड़े मारने की दवाई के बारे में विस्तार से बताया तथा जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं उनके लक्षणों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी प्रकार के वायरस से बचने के लिए दिन में बार-बार हैंडवॉश करने चाहिए। किसी भी व्यक्ति से मिलते हैं तो उससे हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते करें, समय-समय पर शारीरिक जांच करवाते रहें। एलबेंडाजोल की टेबलेट से किसी तरह का नुकसान नहीं होता।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को आधी गोली, 2 से उपर तथा 19 साल तक के बच्चों को पूरी गोली चबा के खानी है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त समवर्तक सिंह, एसडीएम सुरेंद्र सिंह बैनीवाल, कुलभूषण बंसल, अंकिता वर्मा, ज्योति यादव, कार्यकारी अभियंता कुलबीर सिंह, आदर्श सिगला, दयानंद सिहाग, जेसी लांग्यान,राजबाला जांगड़,जिला आयुष अधिकारी डा. धर्मपाल पूनिया, बलजीत सिंह चहल, डिप्टी उप सिविल सर्जन डा. वीना, डा. कामना आदि मौजूद रहे। दरअसल उपायुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी बच्चों को दवा खिलाने में स्वास्थ्य विभाग का पूर्ण सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि बच्चों को विश्वास दिलाने के लिए मौके पर मौजूद अधिकारी व कर्मचारी स्वयं भी इस दवा को खा सकता है ताकि बच्चे को भय न हो कि गोली खाने से उन्हें कोई दिक्कत होगी। इसके अलावा आइटीआइ तथा अन्य राजकीय कालेज जिसमें 19 वर्ष तक की आयु के छात्र-छात्राएं शिक्षा ले रहे हो उनको भी यह दवाई निशुल्क वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला में ईट-भट्टों, भवन निर्माण एरिया व स्लम एरिया में जहां श्रमिक कार्य कर रहे हो, उनके एक से 19 वर्ष के बच्चों को निशुल्क दवा उक्त कृमि मुक्त दिवस के अवसर पर दवाई खिलाई जाए।

उन्होंने कहा कि पेट में कीड़ों की समस्या से बहुत से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, इससे निजात पाने के लिए 22 से 28 फरवरी तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जा रहा है। दवाई खाना खाने के उपरान्त खिलाई जाए व बच्चों को अपने सामने टेबलेट चबाकर खिलवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए गांव के पंच-सरपंच, नंबरदार तथा सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों का भी सहयोग ले।