पंचकूला (हरियाणा)। राज्य में डॉक्टरों के पद अब एडहॉक पर भी भरे जाएंगे। इन्हें वेतन के स्थान पर मासिक पैकेज मिलेगा। मनोहर सरकार ने डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की भारी कमी है। इसे देखते हुए सरकार जल्द ही 342 डॉक्टरों को एडहॉक पर नियुक्त करेगी। एडहॉक वाले एमबीबीएस डॉक्टरों को हर माह 85 हजार रुपये पैकेज और तीन साल का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को डेढ़ लाख रुपये दिए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 447 डॉक्टरों की नियमित भर्ती की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुकी है। पहली मार्च को इनकी लिखित परीक्षा पीजीआई रोहतक में होगी। डॉक्टरों की भर्ती को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी हरियाणा में ही नहीं पूरे देश में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंडों अनुसार एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए, जबकि भारत में 1800 पर एक डॉक्टर है। सरकार डॉक्टरों की कमी दूर करने में जुटी है, इसलिए नई नीति बनाई है। किसी भी डॉक्टर के सेवानिवृत्त होतेे ही एडहॉक पर नियुक्ति कर दी जाएगी। पैरामेडिकल स्टाफ के सैकड़ों पदों को भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को डिमांड भेजी जा चुकी है। 1584 पद स्टाफ नर्स, 92 पद फार्मासिस्ट 307 लैब टेक्निशियन, 197 रेडियोग्राफर सहित दर्जनों पद अन्य कर्मियों के भरेंगे। इन पदों को भरने में समय लग सकता है, इसलिए सीएमओ को अनुबंध आधार पर आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत भरने के निर्देश दिए गए हैं। स्वीकृत पदों के विरुद्घ ही अनुबंध पर पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ की कमी नहीं रहेगी। अनिल विज ने कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों के लिए दो साल तक हरियाणा में ही सेवाएं देने की शर्त लगाई हुई है। इसके तहत प्रशिक्षु डॉक्टरों ने अपनी सहमति दी है। जल्दी 1600 डॉक्टरों की एमबीबीएस पूरी हो जाएगी। शपथ पत्र के अनुसार ये डॉक्टर दो साल तक हरियाणा के स्वास्थ्य संस्थानों में ही सेवाएं देंगे। इससे भी डॉक्टरों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी।