रोहतक। 11 मार्च को आई एम ए राष्ट्रीय हैड क्वार्टर के आवाहन पर आई एम ए रोहतक सिटी ब्रांच से संबंधित डॉक्टरों ने एक विशाल साइकिल रैली निकाली जिसके माध्यम से नेशनल मेडिकल कमीशन बिल की कमियों के बारे में जनता को अवगत कराया गयाl
आई एम ए रोहतक के प्रधान डॉ देवेंद्र सांगवान ने कहा की एन एम सी बिल एलोपैथिक चिकित्सकों व आम जनता के हित में नहीं है। इसीलिए आई एम ए से संबंधित चिकित्सक एन एम सी बिल का विरोध कर रहें हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन लागू होने से चिकित्सा सेवाएं महंगी होने की संभावना हैं और इससे मेडिकल शिक्षा का स्तर गिरना स्वभाविक है।
आई एम ए के सचिव डॉ रवि मोहन के अनुसार एन एम सी बिल के अंतर्गत ब्रिज कोर्स के प्रावधान के माध्यम से चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता कम होगी और केवल 6 महीने के कोर्स से किसी भी पद्यति का चिकित्सक अलोपथी चिकित्सा देने के लिए अधिकृत हो जाएगा।
आई एम ए के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ अस एल वर्मा व डॉ सतीश चुघ ने बताया कि एन एम सी बिल के अनुसार
किसी भी मेडिकल कॉलेज से एम बी बी एस पास होने के बाद सभी चिकित्सकों को प्रैक्टिस का लाइसेंस लेने के लिए एग्ज़िट परीक्षा देनी होगी जिसका कोई भी औचित्य नही है।
आई एम ए रोहतक के सरंक्षक डॉ आर के चौधरी के अनुसार एम सी आई जैसी प्रोफेशनल बॉडी की जगह नेशनल मेडिकल कमिशन बनाने से मेडिकल शिक्षा सरकारी नुमांइदों व राजनेताओं के हाथों में चली जायेगी। आई एम ए रोहतक के उप प्रधान डॉ आशीष गोयल के विचार से भारत सरकार द्वारा एन एम सी बिल बिना विस्तृत जानकारी तथा विचार विमर्श के ही संसद में प्रस्तुत किया गया प्रतीत होता है। इस साईकल रैली में 150 से ज्यादा डॉक्टरों ने भाग लिया और आई एम एम हाउस से शुरू करके, दिल्ली बाई पास होते हुए महाबीर पार्क तक लगभग 4 किलो मीटर का रास्ता अपनाया। रैली के रास्ते मे बैनर्स व प्लेकार्ड लगाए गए थे जिससे कि नागरिकों को एन एम सी बिल के दूरगामी दुसपरभावों के बारे में जानकारी मिल सके।