नई दिल्ली। चार मार्च राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को जॉनसन एंड जॉनसन के बच्चों के शैंपू और टेल्कम पाउडर में फार्मलडेहाइड और एसबेस्टस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जांच में एकरूपता और मानक नहीं होने को लेकर समन जारी किया है। फार्मलडेहाइड और एसबेस्टस को कार्सिनोजेन के तौर पर चिन्हित किया गया है।
कार्सिनोजेन की मौजूदगी से कैंसर की आशंका बढ़ती है। डीसीजीआई, सीडीएससीओ के प्रमुख होते हैं। यह संगठन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करता है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा जारी समन में कहा गया है कि आयोग ने जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित बच्चों के शैंपू में फार्मलडेहाइड और टेल्कम पाउडर में ऐसबेस्टस की मौजूदगी का विश्लेषण करने के लिए कई बार मानक और वैध पद्धति पर सूचनाएं मांगी है।
इसमें कहा गया कि सीडीएससीओ से मिले जवाब से साफ है कि वह इस मुद्दे पर सही तरह से दायित्व का निर्वहन करने में असफल रहा। एनसीपीसीआर के समन में सीडीएससीओ को 12 मार्च 2020 को भेजे गए एक पत्र का भी हवाला दिया गया है। पत्र के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पाद में फार्मलडेहाइड और ऐसबेस्टस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जांच पद्धति में एकरूपता नहीं है। समन में 12 मार्च 2021 को संबंधित रिकॉर्ड, दस्तावेज के साथ डीसीजीआई को निजी तौर पर उपस्थित होने को कहा गया है।
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