गाजियाबाद। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों पर एमआर (मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव) से सेटिंग के हमेशा आरोप लगते रहे हैं। एमएमजी अस्पताल में एमआर की एंट्री पर रोक लगा दी है। सीएमएस का कहना है कि अगर कोई भी एमआर अस्पताल परिसर में दिखेगा तो उस पर एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी। एमआर जिस चिकित्सक के पास बैठे मिलेंगे, उनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में अस्पताल में तीन एमआर पकड़े गए। जिस चिकित्सक के पास यह बैठे थे, उनको भी नोटिस जारी किया गया है। जानकारी अनुसार सीएमएस ने निरीक्षण के दौरान तीन एमआर को एक चिकित्सक के पास बैठे हुए पकड़ा और पुलिस को बुला कर एफआईआर दर्ज कराने लगे। पुलिस ने तीनों एमआर से पूछताछ की। बाद में जब उन एमआर ने फिर से न आने की बात कही तो उनको यह निर्देश देते हुए छोड़ दिया गया कि अगर वह अब दोबारा परिसर में दिखेंगे तो सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके साथ ही जिस चिकित्सक के पास यह एमआर बैठे थे, उनको भी नोटिस जारी किया गया है। इन तीनों एमआर को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन यह मान नहीं रहे थे। इसलिए पुलिस बुलानी पड़ी। सीएमएस डॉ. रविंद्र राणा ने बताया कि रोजाना निरीक्षण के दौरान अगर किसी भी केबिन में एमआर बैठे दिखते हैं तो एमआर सहित चिकित्सकों को भी चेतावनी दी जा रही थी। अस्पताल में निशुल्क दवा दी जाती है और बाहर की दवाएं लिखने का कोई नियम नहीं है। ऐसे में दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का अस्पताल में आने का कोई मतलब नहीं बनता है।