भीलवाड़ा। महात्मा गांधी चिकित्सालय में सर्जिकल विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल में स्तन गांठ के ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई एक महिला का कोरोना जांच रिपोर्ट आने से पहले ही ऑपरेशन कर दिया गया। मंगलवार सुबह उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव निकली तो सर्जिकल विभाग के साथ ही अस्पताल प्रशासन व अन्य कार्मिकों में हड़कंप मच गया। घटना का पता लगते ही अस्पताल प्रशासन ने ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया। अब ऑपरेशन के समय मौजूद चिकित्सकों, नर्सिग स्टॉफ व सहायक कर्मचारियों की जांच के लिए डीईआईसी सेंटर में सैंपल लिए जा रहे हैं। दूसरी ओर अस्पताल के जिस वार्ड में यह महिला ऑपरेशन से पहले व बाद में भर्ती रही वहां के सभी मरीजों को अन्य वार्ड में शिफ्ट कर इस वार्ड को सेनेटाइज किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह आई कोरोना जांच रिपोर्ट में एक महिला सहित दो व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव पाए गए। यह दोनों ही महात्मा गांधी अस्पताल में पहले से ही बीमारी के चलते भर्ती थे। कोटड़ी ब्लॉक के दोवनी जीवाखेड़ा निवासी 64 वर्षीय वृद्ध टीबी से जबकि बिलियाकलां ग्राम निवासी 28 वर्षीय महिला पेट दर्द की शिकायत पर महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती थी। इसकी जब पड़ताल की गई तो सामने आया कि महिला पेटदर्द से नहीं बल्कि स्तन गांठ से पीडि़त होने के कारण भर्ती हुई और कोरोना जांच रिपोर्ट आने से पहले ही सर्जिकल विभाग प्रभारी डॉ. रीटा वर्मा ने सहयोगियों के साथ मिलकर उसका ऑपरेशन कर दिया था। ऑपरेशन के बाद जब रिपोर्ट पॉजीटिव निकली तो काफी समय तक तो इस बात को छुपाया गया। दोपहर बाद इस घटना का खुलासा होने के बाद चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बैठक करने के साथ ही ऑपरेशन थियेटर को सील किया। जांच के बाद सभी स्टाफ को आइसोलेट किया जाएगा।
सूत्रों से पता चला है की मंगलवार सुबह जो महिला पॉजीटिव आई उसकी अप्रेल में अस्पताल में डिलीवरी हुई थी। इसके बाद वह भी अस्पताल में परामर्श के लिए पहुंची थी। ऐसे में यह भी संभावना बनी हुई है कि अस्पताल में आने-जाने के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते वह कोरोना ग्रसित हो गई। वहीं वृद्ध भी टीबी मरीज होने के चलते अस्पताल में नियमित चेकअप व दवा लेने के लिए आता था ।
कोरोना संदिग्ध मरीज की टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही आखिर डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। कोरोना की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर के स्तर पर इतनी बड़ी लापरवाही आखिर हो कैसे गई? इसका जिम्मेदार कौन है? जिस ऑपरेशन थियेटर में कोरोना रोगी का ऑपरेशन हुआ था, उसमें और कितने रोगियों के ऑपरेशन हुए। ये भी जांच का विषय है।
महिला की रिपोर्ट नहीं आई, उससे पहले ही ऑपरेशन करना गलत है। हमने ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया है। ऑपरेशन के समय मौजूद स्टाफ को जांच के लिए सैंपल देने भिजवाया है। महिला जिस वार्ड में भर्ती थी, उस वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
– डॉ.अरुण गौड़, अधीक्षक, एमजी हॉस्पिटल
सूत्रों से पता चला है की मंगलवार सुबह जो महिला पॉजीटिव आई उसकी अप्रेल में अस्पताल में डिलीवरी हुई थी। इसके बाद वह भी अस्पताल में परामर्श के लिए पहुंची थी। ऐसे में यह भी संभावना बनी हुई है कि अस्पताल में आने-जाने के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते वह कोरोना ग्रसित हो गई। वहीं वृद्ध भी टीबी मरीज होने के चलते अस्पताल में नियमित चेकअप व दवा लेने के लिए आता था ।
कोरोना संदिग्ध मरीज की टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही आखिर डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। कोरोना की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर के स्तर पर इतनी बड़ी लापरवाही आखिर हो कैसे गई? इसका जिम्मेदार कौन है? जिस ऑपरेशन थियेटर में कोरोना रोगी का ऑपरेशन हुआ था, उसमें और कितने रोगियों के ऑपरेशन हुए। ये भी जांच का विषय है।
महिला की रिपोर्ट नहीं आई, उससे पहले ही ऑपरेशन करना गलत है। हमने ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया है। ऑपरेशन के समय मौजूद स्टाफ को जांच के लिए सैंपल देने भिजवाया है। महिला जिस वार्ड में भर्ती थी, उस वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
– डॉ.अरुण गौड़, अधीक्षक, एमजी हॉस्पिटल