कानपुर। मल्टी ड्रग रजिस्टेंट यानि कि एमडीआर टीबी की नई दवा डेलानमिड जिले में अब जल्द लांच होगी। दरअसल यह दवा एमडीआर टीबी से पीडि़त छह वर्ष के बच्चों से लेकर 17 वर्ष तक के किशोरों को दी जाएगी, जो शुरूआती छह मात तक चलेगी। गौरतलब है कि दवा को लांच कराने की तैयारी शुरू हो चुकी है। बतादे कि इससे पहले विशेषज्ञों को ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है। यह दवा विशेषज्ञों की निगरानी में अस्पताल में भर्ती करके चलाई जानी है। इसलिए मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल को नोडल सेंटर बनाया गया है। गौरतलब है कि एमडीआर टीबी का इलाज लंबे समय तक 24 से 27 माह का होता था। नई दवाओं के आने से इसमें कमी आई है। अब तीन प्रकार की अवधि में मरीजों का इलाज होगा। उसमें 6 से 9 माह का कोर्स, 12 से लेकर 18 माह और 20-24 माह तक हो गया है। इसमें शुरूआती छह माह में बेडाकुलिन एवं डेलानमिड चलाई जाएगी। दरअसल डेलानमिड बच्चों के लिए है, लेकिन कम वजह के वयस्कों पर चलाने के लिए भी मंथन हो रहा है। हालांकि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन में बेडाकुलिन वयस्क तथा डेलानमिड बच्चों को चलाए जाने का जिक्र है। नई दवा डेलानमिड जल्द लांच कराई जाएगी। इसे कम वजन के व्यस्कों पर चलाने पर भी मंथन हो रहा है। इस पर निर्णय होते ही लांच किया जाएगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल को नोडल सेंटर बनाया गया है। हालांकि एमडीआर टीबी के गंभीर मरीजों के लिए नई दवाएं आने से इलाज की अवधि भी कम हुई है। दर्द भरे इंजेक्शन से भी निजात मिल जाएगी। अभी व्यस्कों के लिए बेडकुलिन दवा आ गई है, जो 18 वर्ष से ऊपर की आयु के एमडीआर टीबी से मरीजों को अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में चलाई जाती है। इसमें पहले मरीज की स्थिति देखी जाती है, उनकी पल्स, बीपी एवं ईसीजी के जरिए हार्ट पर नजर रखी जाती है। इन दवाओं को शुरूआती छह माह चलाया जाता है। इसी क्रम में अब बच्चों के लिए डेलानमिड दवा आ गई है। यह छह से लेकर 17 वर्ष तक के बच्चों को चलाई जाएगी। इसका भी छह माह का कोर्स होगा।