कोरोना वायरस को मिटाने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन की खोज की जा रही है। इटली और इजरायल जैसे देश कोविड-19 की वैक्सीन बनाने का दावा कर चुके हैं। इस दिशा में भारत ने अभी तक किस तरह के कदम उठाए हैं और वैक्सीन की खोज में भारत कितना आगे है, आज तक ई एजेंडा में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसकी जानकारी दी। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘वैक्सीन से लेकर ड्रग्स की खोज आयुष की दवाओं को समर्थन देने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद नेतृत्व कर रहे हैं। वैज्ञानिकों से मीटिंग से लेकर मॉनिटरिंग का जिम्मा खुद उन्होंने अपने हाथों में लिया हुआ है।’ डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि आयुष की कुछ दवाओं को लेकर भारत के इतिहास में पहली बार क्लीनिकल ट्रायल की पहल हुई है। आने वाले समय में यह एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है। भारत में भी वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिक पूरा जोर लगा रहे हैं। भारत में भी वैक्सीन डेवलप करने का प्रयास किया जा रहा है। देश में वैक्सीन डेवलपमेंट के करीब एक दर्जन ट्रायल सक्रिय हैं, जिनमें से कुछ जल्द ही अगले चरण यानी ह्यूमन ट्रायल के स्टेज पर भी पहुंच सकते हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों से यह भी आग्रह किया कि जब तक वैक्सीन की खोज नहीं हो जाती तब तक सोशल डिस्टेंसिंग को ही वैक्सीन मानकर अपनाया जाए।