पटना। ऑनलाइन फार्मेसी कानूनी अड़चनों में फंसकर रह गई है। ई-फार्मेसी के चलते जहां मरीजों को सस्ती दवाएं मिल पा रही थी, वहीं दवाएं उन्हेंघर बैठे भी मिल रहीं थी। इसके सबसे ज्यादा फायदा बुजुर्ग मरीजों को मिल रहा था। दिल्ली, बैंगलोर, पुणे जैसे शहरों से उनके बच्चे ऑनलाइन आर्डर और पेमेंट कर देते और दवाएं उनके दरवाजे पर पहुंच जाती थी। इतना ही नहीं कैश बैक और एमआरपी पर 25 से 30 प्रतिशत तक छूट भी मिल रही थी। ये कुछ कारण हैं, जिनके कारण पटना सहित बिहार राज्य में ऑनलाइन फार्मेसी तेजी से पॉपुलर हुआ था।
तीन वर्षों से भी कम समय में ऑनलाइन फार्मेसी का बाजार राज्य के पूरे दवा कारोबार में 10 प्रतिशत तक सेंधमारी कर चुका था। परंतु पिछले साल के अंत में नये कानूनों और कई न्यायालयों के दिशा-निर्देश के कारण ऑनलाइन फार्मेसी का कारोबार बाधित हुआ है। गोविंद मित्रा रोड के एक होलसेल फार्मेसी संचालक का कहना है कि किसी भी उत्पाद पर उन्हें 35-40 प्रतिशत लाभ मिलता है। इस कारण वे रिटेल में भी माल बेचते हैं। ग्राहकों को 20 प्रतिशत तक डिस्काउंट आसानी से देते रहे हैं। लेकिन अब वे इस इस छूट को दस प्रतिशत से भी कम कर चुके हैं।