बठिंडा। औषधि निरीक्षक के ड्रग तस्करों से संबंधों का पर्दाफाश हुआ है। इसके चलते एसटीएफ ने औषधि निरीक्षक के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। जांच में सामने आया कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में चल रहे ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क के तार ड्रग इंस्पेक्टर शीशन मित्तल से जुड़े हुए थे।
एसटीएफ ने की छापेमारी
पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि एसटीएफ की टीम ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कुल 13 स्थानों पर रेड की। एसटीएफ की पांच अलग-अलग टीमों ने बठिंडा, मौड़ मंडी, गिद्दड़बाहा, मोहाली, हरियाणा के फतेहाबाद में और चंडीगढ़ में अलग-अलग जगहों पर रेड की। इस दौरान एसटीएफ ने 9.31 लाख रुपये नकदी, 260 ग्राम सोना और 515 दिरहम के रूप में विदेशी मुद्रा जब्त की। इस रेड में कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद हुए, जिससे यह साबित होता है कि आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर शीशन मित्तल ने ड्रग्स तस्करी के इस नेटवर्क के जरिये कमाए पैसों से चल-अचल संपत्ति बनाई है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा-29 और 59 के तहत केस दर्ज किया गया है।
24 बैंक खाते फ्रीज, 6.69 करोड़ की ड्रग मनी जमा करा रखी थी
एसटीएफ एडीजीपी नीलाभ किशोर ने बताया कि आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर पंजाब और हरियाणा की जेल में बंद कई ड्रग्स तस्करों के संपर्क में था। कई अवैध फार्मासियुटिकल्स और मेडिकल स्टोरों को यह प्रतिबंधित दवाइयां और ड्रग्स मुहैया कराता था। उसके 24 बैंक खातों को फ्रीज किया है, जिसमें 6.69 करोड़ रुपये की ड्रग मनी जमा करा रखी है।
44 फार्मास्युटिकल कंपनियां व मेडिकल स्टोर शिकंजे में
जेल में बंद तस्करों की मदद से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में ड्रग्स नेटवर्क को ऑपरेट कर रहे आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर शीशन मित्तल के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथ कई बड़े सुराग लगे हैं। एसटीएफ को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 44 फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल स्टोर से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं, जोकि ड्रग इंस्पेक्टर के इस नेटवर्क में प्रमुख रूप से शामिल हैं।