लखनऊ। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मलिहाबाद में फार्मा कंपनियों की मुफ्त दवा सैम्पल की बिक्री का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी के दौरान घर से 3 लाख रुपये की दवाएं बरामद हुई हैं। यह दवाएं झोलाछाप के क्लीनिकों में बेची जाती थीं। धंधे का भंडाफोड़ होने के बाद अधिकारियों ने इन दवाओं के नकली होने का शक जाहिर किया। तीन दवाओं के सैंपल एकत्र कर अवैध कारोबारी पर ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई की सिफारिश की गई है। उप जिलाधिकारी विजय कुमार सिंह की अगुवाई में ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार, माधुरी सिंह ने छापामारी की। बृजेश कुमार के मुताबिक तीन लाख रुपये की दवाएं सीज कर दी गई हैं। दवा के अवैध कारोबारी ने इमरान के घर में गोदाम बना रखा था। सूचना पर टीम जब घर पहुंची तो बड़े पैमाने पर दवाएं देख टीम के होश उड़ गए। टीम के सदस्यों ने मौके पर मिले अवैध कारोबारी गुड्डू से दवाओं से जुड़े दस्तावेज मांगे। दवा बिक्री का लाइसेंस मांगा। वहां मौजूदा व्यक्ति ने कोई कागज नहीं दिखा पाया। ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में एंटीबायोटिक व जनरल दवाएं थीं। इसमें काफी दवाएं कम्पनी के सैम्पल थे। इन्हें मरीजों को मुफ्ट बांटना होता है। पर, ये दवाएं गोदाम में मिला। अधिकारियों ने सैम्पल की मुफ्त दवाओं की धंधेबाजी की आशंका जाहिर की है। गुड्डू ने टीम को बताया कि दवाएं गांव की अवैध क्लीनिकों में खपाई जा रही थीं। झोलाछाप मुफ्त दवाओं के बदले अच्छी कीमत भी देते थे। डॉक्टरों को मुफ्त बांटी जाने वाली दवाएं शहर से आती थीं। टीम इस बात की जांच करेगी कि किन डॉक्टरों के पास से सैंपल आ रहे थ और दवा किन क्लीनिकों में सप्लाई की जा रही थी?