सतना। औषधि विभाग की सरपरस्ती में जिलेभर में नशीला सिरप खुलेआम बिक रहा है। संबंधित ड्रग इंस्पेक्टर कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति में लगी हुई हैं। दवा दुकानों पर की जाने वाली जांच की कार्रवाई भी गोपनीय रखी जा रही है। डीआई सोनाक्षी चौहान बिरसिंहपुर पहुंचीं और आधा दर्जन दवा दुकानों की जांच की। इस कार्रवाई को भी उन्होंने गोपनीय रखने का प्रयास किया। वे जानकारी देने से बचती नजर आईं। उन्होंने कितनी दुकानों की जांच की, क्या अनियमितताएं पाईं, क्या कार्रवाई की? इस संबंध में जानकारी देना उचित नहीं समझा।
इसके चलते पूरी कार्रवाई सवालों के घेरे में है। 6 माह पहले सिटी कोतवाली पुलिस ने कफ सिरप की बड़ी खेप पकड़ी थी। बाद में कहा गया कि संबंधित आरोपी डिस्ट्रीब्यूटर है। उसके बिल के आधार पर पूरा मामला दबा दिया गया। जबकि, पुलिस सूत्रों ने बकायदा पुष्टि की थी कि संबंधित व्यक्ति बाजार में कफ सिरप का अवैध कारोबार करता है। औषधि प्रशासन विभाग ने भी आगे जांच नहीं की। बता दें कि औषधि विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से जिले में कई दवा दुकानें ऐसी हैं जो कफ सिरप बेचने के साथ-साथ नशीली दवा बेचने के लिए बदनाम हैं। यहां कोई भी आम व्यक्ति चला जाए और बिना डॉक्टर के पर्चे के प्रतिबंधित दवाएं खरीद सकता है। औषधि प्रशासन विभाग सबकुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं करता है। इसके चलते अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। इस बारे में कलेक्टर सतेंद्र शर्मा ने कहा बिना डॉक्टर के पर्चे के कफ सिरप या नशीली दवा बेचना गंभीर मामला है। औषधि प्रशासन विभाग को नियमित जांच करनी चाहिए। अगर, ऐसा नहीं किया जा रहा तो संबंधितों को नियमित जांच के आदेश दिए जाएंगे।