मथुरा। कोसीकलां में नशीली दवाओं का अवैध कारोबार बड़े स्तर पर हो रहा है। इस कारोबार के तार राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से भी जुड़े हैं। बिना बिल के दवाएं इन राज्यों को सप्लाई की जाती हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की कार्रवाई में कई बड़े कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। दरअसल नशीली दवाओं का मास्टर माइंड कोसीकलां में ही रहता है। सूत्रों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों से लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भी इसकी जानकारी है। कई बड़े दवा कारोबारी इस माफिया से जुड़े हैं।

माफिया कमीशन पर काम करता है, दवा बेचने और खरीदने वाले दोनों से कमीशन लेता है। बड़े पैमाने पर दवा की खेप पकड़ी गई है। गौरतलब है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने कोसीकलां के दो बड़े दवा कारोबारी व पलवल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से करीब 20 करोड़ रुपये की नशीली दवा तीन दिन पहले बरामद की थीं। इन दवाओं से जुड़े दस्तावेज तक आरोपित नहीं दिखा सके हैं।

वहीं औषधि निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि लाकडाउन के दौरान कोसीकलां में एक घर से 24 लाख रुपये से अधिक की नशीली दवा पकड़ी गई थी। भवन स्वामी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पकड़ा गया कारोबारी करीब पांच महीने जेल में रहा। वह बताते हैं कि अब तक कि पड़ताल में सामने आया है कि एक ही परिवार के कई सदस्य नशीली दवा के कारोबार में सक्रिय हैं।

गौरतलब है कि जिले का कोसीकलां कस्बा हरियाणा सीमा पर है। पास ही राजस्थान की सीमा है। कारोबारी बिना बिल के दवाएं वाहनों से दूसरे माल के बीच छिपाकर सीमावर्ती राज्यों में भेज देते हैं। वहां से पंजाब तक दवा सप्लाई की जाती है। दवा कारोबार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पंजाब में 10 रुपये की नशीली दवाओं की कीमत 40 रुपये तक मिल जाती है। पिछले दिनों पंजाब में नशीली दवा की बड़ी खेप पकड़ी गई। इसमें आगरा कनेक्शन के साथ मथुरा गैंग का नाम भी सामने आया था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तभी से इस गैंग के पीछे था। हर बार नशीली दवाओं का कारोबार करने वाला मास्टर माइंड बच जाता है।