नई दिल्ली। अब किडनी के मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए दूर बड़े शहर नहीं जाना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग उनके घर पर पेरिटोनियल डायलिसिस सेवा उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत यह सुविधा दी जाएगी। हाल में भारत सरकार ने इसे लागू कराने के लिए सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगर सभी राज्य इस सेवा को अपने यहां लागू कराते हैं तो हर साल जान गंवाने वाले दो लाख मरीजों को बचाया जा सकता है।
बता दें कि सरकार ने 2016 में इसकी घोषणा की थी। पेरिटोनियल डायलिसिस शरीर के अतिरिक्त द्वव्य को बाहर निकालने की प्रक्रिया है। यह शरीर में बनने वाले विषैले तत्वों को बाहर निकालती है। इस डायलिसिस प्रक्रिया को लागू कराकर सरकार महंगी डायलिसिस प्रक्रिया को गरीब मरीजों की पहुंच में लाना चाहती है। मरीज की जांचकर डॉक्टर बताएंगे कि उसे हीमो डायलिसिस की आवश्यकता है या पेरिटोनियल डायलिसिस की। अगर पेरिटोनियल डायलिसिस की आवश्यकता हुई तो डॉक्टर मरीज के शरीर में कैथेटर ट्यूब डालेंगे। नेफ्रोलॉजिस्ट मरीज व उसके परिवार को इसकी तकनीक से प्रशिक्षत कर देंगे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को किट और दवा मुफ्त मिलेगी व अन्य को रियायती दामों पर उपलब्ध होगी। मरीजों की पेरिटोनियल डायलिसिस की जाएगी। मरीज को एक पेरिटोनियल किट और दवाएं दी जाएंगी, जिनसे बिना किसी सहायता के डायलिसिस किया जा सकेगा।