रोहतक। शहर में कई मेडिकल स्टोर अवैध तरीके से संचालित किए जा रहे हैं। नियमानुसार इन स्टोर पर फार्मासिस्ट उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन स्टोर संचालकों ने इन्हें कागजों में जरूर दिखा रखा है। दरअसल, इन दुकानदारों ने फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट किराए पर ले रखा है और खुद ही दवा बेच रहे हैं। इससे मरीजों की सेहत से सरेआम खिलवाड़ हो रहा है। स्थानीय मेडिकल मोड़ स्थित कई दवा दुकानदारों ने व्यक्तिगत रूप से पूछने पर बताया कि तकरीबन हर मेडिकल शॉप से फार्मासिस्ट का टाईअप है। ये फार्मासिस्ट कुछ माह के अंतर पर एक बार संबंधित मेडिकल शॉप पर आते हैं और अपना कमीशन ले जाते हैं। इनका काउंटर पर दी जाने वाली दवाओं से कुछ लेना-देना नहीं होता। एक मेडिकल शॉप से सर्टिफिकेट के किराए के रूप में 300 से 500 रुपए प्रति माह लिया जाता है। जबकि लाइसेंस लेने की प्राथमिकताओं में यह बात स्पष्ट होती है कि आपके पास फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट होना जरूरी है। तभी आपको मेडीकल शॉप के लिए लाइसेंस मिलता है। हैरानी की बात यह है कि औषधि विभाग सबकुछ जानते हुए भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
इन मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने वाले ग्राहक को यह पता नहीं होता है कि जो दवा वह ले रहा है, वह सही है या नहीं। दरअसल, काउंटर पर दवा दे रहे लोगों के पास न तो इसकी प्रॉपर ट्रेनिंग होती है और न ही उसे इससे कोई लेना-देना होता है। उसे सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन पर लिखे दवा के नाम से मिलान करना होता है। मिलान किया और दवा दे दी। दवा की स्ट्रिप्स पर लिखे टेंपरेचर को कैसे मेंटेन किया जाउगा, ये लोग नहीं जानते। कई मेडीकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाइयां बेचने जाने की बात भी सामने आई है।