नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मरीजों को इंजेक्शन लगाने में इस्तेमाल होने वाली डिस्पोजेबल सीरिंज बंद करने की तैयारी कर ली है। इसकी जगह सिर्फ ऑटो डिसेबल सीरिंज इस्तेमाल होंगी। यह एक बार इस्तेमाल के बाद लॉक हो जाएगी। इसमें दोबारा दवा डाल या निकाल नहीं सकते।स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फिलहाल सरकारी अस्पतालों में ही ऑटो डिसेबल सीरिंज अनिवार्य की जाएगी। ऑटो डिसेबल सीरिंज की कीमत डिस्पोजेबल सीरिंज से 35-50 पैसे ज्यादा होगी। ग्रामीण इलाकों में अभी सीरिंज दोबारा इस्तेमाल होती रहती है। इस कारण हैपेटाइटिस बी, सी और एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है। हिंदुस्तान सीरिंज और मेडिकल डिवाइसेज के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव नाथ के अनुसार भारत में सीरिंज का सालाना 2000 करोड़ रुपए का कारोबार है। देश में 80-85 फीसदी डिस्पोजेबल सीरिंज ही इस्तेमाल होती हैं। भारत में बिकने वाली 80 फीसदी ऑटो डिसेबल सीरिंज आयात की जाती है। भारतीय सीरिंज निर्माता कंपनियों के अनुसार देश में हर साल 500 करोड़ सीरिंज इस्तेमाल होती हैं।