यमुनानगर : जिले की चार दवा दुकानों को राज्य के करीब आधा दर्जन ड्रग अधिकारियों द्वारा जबर्दस्ती सील करने और बाद में मजबूरन शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन आकर सील तोड़कर दुकान खोलने का मामला राज्य ही नहीं, देशभर के दवा जगत में चर्चा का विषय बन गया है। करीब 950 सदस्यों वाली डिस्ट्रिक यमुनानगर ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के मुताबिक, लीवा फार्मा कंपनी की स्किन लाइट क्रीम को लेकर राज्य के सीनियर ड्रग अधिकारियों ने चेंकिंग के नाम पर न केवल केमिस्ट आशीष के साथ मारपीट की, बल्कि गाडी से प्रोडक्ट निकाल कर जबरदस्ती दवा दुकान पर रख कर केस बनाया। अकसर केमिस्टों पर हावी रहने वाले ड्रग अधिकारी इस षड्यंत्रकारी कार्रवाई के बुने जाल में खुद ही फंस गए, जिसकी पुष्टि केमिस्ट शॉप में लगे सीसीटीवी कैमरें की रिकॉर्डिंग से बखूबी हो रही है। केमिस्ट एसोसिएशन ने जब सीसीटीवी रिकॉर्डिंग स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को दिखाई तो उनका चेहरा भी गुस्से में लाल हो गया। स्वास्थ्य मंत्री की फटकार और केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा हड़ताल की चेतावनी को देखते हुए छुट्टी वाले दिन मजबूरन चार ड्रग अधिकारी, जिनमें नरेंद्र विवेक आहूजा (असिस्टेंट स्टेट ड्रग कंट्रोलर, हरियाणा) समेत ड्रग ऑफिसर अमन चौहान, रितू महला, सुनील चौधरी को दुकान खोलने यमुनानगर आना पड़ा।
एसोसिएशन की मानें तो चारों ड्रग अधिकारी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग डीवीआर लेने के लिए केमिस्टों की खूब मान-मनौव्वल करते रहे, लेकिन ड्रग अधिकारियों की ज्यादतियों से तंग केमिस्टों ने रिकॉर्डिंग देने से साफ मना कर दिया। एसोसिएशन ने शिकायत के साथ रिकॉर्डिंग जिला कोर्ट में जमा करवा दी है। लीवा फार्मा कंपनी के कर्मचारी को साथ लेकर केमिस्टों पर मनमानी करने वाले ड्रग अधिकारियों टीम में इन चार ड्रग अधिकारियों के अलावा गुरुचरण सिंह और मनमोहन तनेजा भी शामिल रहे। तनेजा की छवि ड्रग विभाग में सुलझे हुए अफसर की मानी जाती हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी में दवा दुकानदार के साथ मारपीट और बाहर से लाए प्रोडक्ट की जबरदस्ती केमिस्ट शॉप से बरामदगी दिखाकर केस बनवाने की शर्मनाक हरकत हरियाणा के दवा जगत में गले नहीं उतर रही है। न्यायालय का न्याय और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की कार्रवाई क्या रहेगी, वक्त बताएगा।
एसोसिएशन के प्रधान मनजीत शर्मा एवं महासचिव राजकुमार बंसल ने मेडीकेयर न्यूज को बताया कि एसोसिएशन ने यमुनानगर उपायुक्त को भी सारे प्रकरण की लिखित शिकायत दी है। एसोसिएशन ने उपायुक्त का भी धन्यवाद किया कि उन्होंने मामले की गंभीरता देखते हुए ड्रग अधिकारियों से बातचीत कर उचित कार्रवाई की। महासचिव के अनुसार, एसोसिएशन की एकजुटता और सच के पुख्ता सबूतों के चलते ही बात दवा दुकानदारों के हक में बनी अन्यथा ड्रग अधिकारियों ने तो रस्सी का सांप बनाकर फंदा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।