जबलपुर। कोरोना संक्रमण की आड़ में दवा दुकानदारों पर धौंस जमाकर अवैध वसूली करने के मामले में ड्रग इंस्पेक्टर रामलखन पटेल को सस्पेंड कर दिया गया है। बता दें कि आरोपी अधिकारी ने कुछ दिन पहले ग्रामीण क्षेत्रों की दवा दुकानों में रात के समय जाकर मास्क आदि के बिल की माँग कर दुकानदारों से अभद्रता की थी। विवाद बढऩे पर जिले के दुकानदारों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। तब इस अधिकारी ने ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों से लिखित में माफी माँगी थी। लेकिन अब उसने फिर मेडिकल के सामने स्थित दवा दुकानों पर जाकर जाँच के नाम पर दबाव बनाते हुए दुकानदारों से 10-10 हजार रुपए की माँग की। दुकानदारों ने इसका विरोध किया। मौके पर पहुँचे एसडीएम आशीष पांडे ने भी डीआई के जाँच के तरीके पर सवाल उठाते हुए उन्हें फटकार लगाई। नाराज दवा दुकानदारों ने कार्यवाही की माँग करते हुए दुकानें बंद कर दीं, वहीं घटना की खबर मिलते ही शाम के करीब शहर की अधिकांश दवा दुकानें बंद हो गई थीं। मेडिकल के दवा दुकानदारों ने एसडीएम गोरखपुर को शिकायत पत्र लिखकर कार्यवाही न होने तक दुकानें बंद रखने की जानकारी दी। अधिकारी की इस हरकत की जानकारी मिलने पर विरोध स्वरूप पड़ोसी जिलों में भी दवा दुकानें बंद होने की सूचना है। केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर बठीजा ने बताया कि डीआई पटेल रिश्वत न देने पर दुकान सील करने की धमकी देते हंै। संभागीय आयुक्त चौधरी ने निलंबन की कार्यवाही मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत कलेक्टर भरत यादव की अनुशंसा पर की, उसे कमिश्नर ऑफिस में अटैच किया गया है। गौरतलब है कि इसके पूर्व भी निलंबित ड्रग इंस्पेक्टर को दवा व्यापारियों की शिकायतों पर अपर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस सौंपा था।