नई दिल्ली। कॉकटेल मेडिसिन (एफडीसी) पर जल्द ही बैन लगने जा रहा है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध रोकने के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सभी राज्यों से कॉकटेल दवाओं की बिक्री की जानकारी मांगी है।
बता दें कि जनवरी माह में औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया था कि देश में एंटीबायोटिक दवाओं पर निगरानी बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
कॉकटेल दवाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू
एंटीबायोटिक प्रतिरोध रोकने के लिए सरकार ने कॉकटेल दवाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सभी राज्यों से इन दवाओं की बिक्री का ब्योरा मांगा है। ड्रग कंट्रोलर डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने राज्यों से दो सप्ताह के भीतर बाजारों में बेचे जाने वाले एंटीबायोटिक संयोजनों की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
उप समिति का गठन करने का निर्णय
इस साल जनवरी में औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की बैठक में यह तय हुआ कि देश में एंटीबायोटिक दवाओं पर निगरानी बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। इसके लिए एक उप समिति का गठन करने का निर्णय हुआ।
समिति की पहली बैठक एक मई को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुख्यालय पर हुई, जिसमें संयोजन वाली एंटीबायोटिक दवाओं की निगरानी करने का फैसला हुआ।
ड्रग कंट्रोलर डॉ. राजीव सिंह ने सभी राज्यों को पत्र लिखते हुए कहा है कि निश्चित खुराक संयोजन (एफडीसी) ऐसी दवाएं हैं जो एक ही गोली में एक से अधिक दवाओं को मिलाती हैं। इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है। अगले दो सप्ताह के भीतर इन दवाओं की सूची दिल्ली भेजी जाए। उन्होंने राज्यों से बाजार में बिक रही गैर मंजूर एंटीबायोटिक संयोजनों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए कहा है।