आगरा। आगरा में दयालबाग के खासपुरा स्थित एसएस कॉलेज ऑफ एजूकेशन में औषधि विभाग ने छापा मारा तो यहां दवाओं का जखीरा मिला। कॉलेज में दवा का गोदाम बना रखा था। गिनती के बाद दवाओं की कीमत आंकी गई तो यह दस लाख रुपये निकली। औषधि विभाग इस मामले में कॉलेज के संचालक, प्राचार्य, कर्मचारी सहित पांच के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में मुकदमा दर्ज कराएगा। बतादें कि कॉलेज से औषधि विभाग की टीम ने 125 बोरों में भरी दवाएं जब्त की हैं। इसमें गुर्दा रोगियों की डायलिसिस में इस्तेमाल होने वाले नार्मल सेलाइन इन्फ्यूजन (बोतल), डायलिसिस पाउडर, सिरिंज और डायलिसिस किट हैं।

दवाओं के नमूने लिए गए हैं, इनकी जांच कराई जाएगी। मामले में एसएस कॉलेज ऑफ एजूकेशन के प्रबंध समिति के अध्यक्ष मनीष गुप्ता, प्रबंधक अभिषेक गर्ग, प्राचार्य विदुर सिंह, कार्यालय अध्यक्ष पवन कुमार, चौकीदार देवेंद्र के खिलाफ ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट में औषधि विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा। तो वहीं कॉलेज के प्रबंध समिति के अध्यक्ष मनीष गुप्ता का कहना है कि प्रबंध समिति की जानकारी में लाए बिना दवाएं कॉलेज में स्टोर की गई थीं। सभी दवाएं कॉलेज के प्राचार्य के बेटे की हैं।

प्रबंध समिति ने निर्णय लिया है कि आपात बैठक बुलाकर प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा और उसके बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक ने बताया कि कॉलेज श्रीराधे बिहारी ट्रस्ट की ओर से संचालित है। छापे के दौरान मौके पर प्राचार्य विदुर सिंह चौहान, कार्यालय अध्यक्ष पवन कुमार कुशवाह, चौकीदार देवेंद्र कुमार मिले। कॉलेज के कॉमन रूम के टॉयलेट और उसके बराबर के कमरे में दवाओं के कार्टन रखे हुए थे। केमिस्ट्री लैब में भी दवाओं के कार्टन रखे थे। छापे के दौरान औषधि विभाग की टीम में औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा, दीपक कुमार के अलावा अन्य जिलों के औषधि निरीक्षक शामिल रहे।