कानपुर। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने यूपी ड्रग कंट्रोलर को कोरोना के इलाज में शामिल दवाओं और ऑक्सीजन के रेट तय करने के निर्देश दिए हंै। साथ ही, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज स्थित हैलट के कोविड हॉस्पिटल के आइसीयू में अब तीस और बेड बढ़ाकर कुल 160 बेड करने के निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने सबसे पहले हैलट के कोविड हॉस्पिटल के आइसीयू में बेड बढ़ाने और ऑक्सीजन की समस्या को लेकर सवाल पूछे। कलेक्ट्रेट में मौजूद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल और प्रमुख अधीक्षक प्रो. रिचा गिरि से पूछा कि हैलट के कोविड आइसीयू में 150 बेड कब तक पूरे होंगे। इस पर प्रो. गिरि ने बताया कि न्यूरो साइंस सेंटर में 90 और मेटरनिटी विंग में 40 बेड हो गए हैं। आइसीयू व एचडीयू मिलाकर 130 बेड हो गए हैं। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आइसीयू में पूरे बेड कब तक लग जाएंगे। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सर्जरी के नए कोविड हॉस्पिटल में आइसीयू के 20 की जगह अब 30 बेड बढ़ाएं। अब आपके यहां कोविड आइसीयू में 160 बेड होंगे। अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने पूछा कि शिकायतें मिल रहीं हैं कि ऑक्सीजन के रेट बढ़ा दिए गए हैं। हैलट के अधिकारियों ने बताया कि लिडे ने तीन प्लांट लगाएं हैैं। कांट्रेक्ट के तहत पूर्व में निर्धारित दरों पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। इसलिए कोई समस्या नहीं है। डॉ. दुबे ने कोरोना की दवाओं एवं इंजेक्शन की उपलब्धता पर भी सवाल पूछे। बताया गया कि यहां कोरोना से जुड़ीं दवाओं की कमी नहीं है। रेमडेसिविर इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। रामा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि उनके यहां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। आपूर्तिकर्ता फर्म ने पैसे बढ़ा दिए हैं। इस पर अपर मुख्य सचिव ने पूछा कि क्या आपके यहां रेट कांट्रेक्ट नहीं है। प्रबंधन ने बताया कि हमारे यहां हर महीने स्टॉक मंगाया जाता है। रेट कांट्रेक्ट नहीं होने से अब बढ़े हुए दाम पर ऑक्सीजन मिल रही है। अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने उत्तर प्रदेश ड्रग कंट्रोलर से कहा कि प्रदेश में कोरोना के इलाज को लेकर दवाओं एवं ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। दवाएं निर्धारित दर पर मिलें और ऑक्सीजन की कालाबाजारी न हो।