नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के इस दौर में नवरात्रि के पहले दिन एक अच्छी खबर आई है। अमेरिका में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार हो चुकी है। वैज्ञानिकों ने इस टीके से कोरोना वायरस को खत्म करने में सफलता हासिल की है। चार देशों में इसके क्लिनिकल ट्रायल के शानदार नतीजे आए हैं। अमेरिकी सरकार जल्द इसके टीके तैयार करने की मंजूरी दे सकती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन के अनुसार अमेरिकी सांइटिस्टों ने क्लोरोक्वीन और हाड्रोक्सिक्लोरोक्वीन के जोड़ से एक टीका तैयार किया है। अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस टीके के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। पिछले एक महीने से इस टीके के ट्रायल चीन, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका में सफल रहा है। जिन मरीजों का इलाज इस टीके से किया गया है उनमें काफी प्रभावी नतीजे मिले हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस को खत्म करने में इस नए टीके ने सफलता हासिल की है। हालांकि किसी भी टीके को मंजूरी देने में काफी लंबा समय लगाता है लेकिन वैश्विक चुनौती और हालात देखते हुए अगले कुछ दिनों में इसे इलाज के लिए हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सार्स को खत्म करने में इस दवा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बार इस टीके में कोरोना वायरस के जेनेटिकल कोड के हिसाब से बदलाव किए गए हैं। कोरोना वायरस से लडऩे में इस टीके के नतीजे काफी आशाजनक हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर किसी टीके को अमेरिका से मंजूरी मिल जाती है तो हम बिना देरी किए तुरंत भारत में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अमूमन भारत में किसी नई दवा को इलाज में लाने से पहले लंबे प्रोसेस से गुजरना होता है। सामान्य प्रोसेस में मंजूरी मिलने में 2-3 महीने भी लग जाते हैं लेकिन कोरोना वायरस के टीके को बिना देरी मंजूरी मिलेगी।