नई दिल्ली। कोरोना वायरस के इलाज का इंजेक्शन तैयार करने में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना का नाम सबसे आगे आया है। इस कंपनी की ओर से तैयार वैक्सीन के शुरुआती परिणाम काफी उत्साहवर्धक हैं। इस वैक्सीन का नैदानिक परीक्षण कुछ स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया गया है। हालांकि कंपनी ने यह भी कहा है कि वैक्सीन को आने में अभी कई महीने या पूरा साल लग सकता है। बताया जा रहा है कि इस समय 118 कंपनी वैक्सीन बनाने की रेस में हैं जिसमें अमेरिका स्थित कंपनी सबसे आगे है। आठ कंपनियां अपने-अपने वैक्सीन का नैदानिक परीक्षण कर रही हैं, जबकि 100 कंपनियों ने अभी नैदानिक परीक्षण शुरू नहीं किया है। ब्रिटेन स्थित डाटा एनालिटिक्स एंड कंसल्टिंग कंपनी ग्लोबलडाटा में एसोसिएट डायरेक्टर माइकल ब्रीन ने कहा-अभी तक केवल मॉडर्ना की ओर से विकसित वैक्सीन ने किसी तरह की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने का प्रदर्शन किया है, इसिलए इस कंपनी को रेस में सबसे आगे बताया गया है। मॉडर्ना कंपनी की ओर से बताया गया कि शुरुआती आंकड़े दिखाते हैं कि वैक्सीन-एमआरएनए-1273 को लगाने के बाद आठ लोगों के खून में एंटीबॉडी बनने लगे। टीका बनाने में जुटी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी काफी उम्मीद है। इसके द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन को बंदरों पर आजमाया गया तो काफी कारगर साबित हुआ। इस वैक्सीन का परीक्षण इंसानों पर करने की तैयारी है। भारत में आठ संगठन वैक्सीन बनाने की रेस में शामिल हैं। ये संगठन फिलहाल 12 नैदानिक परीक्षण करने की तैयारी में हैं।